मुम्बई ।। अभिनेता व लेखक ललित मराठे को अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘शबरी’ के प्रदर्शन के लिए पांच साल का लम्बा इंतजार करना पड़ा। मराठे नहीं जानते कि इसमें इतना समय क्यों लगा लेकिन उन्होंने इस बीच उपन्यास ‘ए डॉग्स फ्राइडे’ में फिल्म के निर्माण से लेकर प्रदर्शन तक की कहानी बयां कर दी।

अंतत: शुक्रवार को इस फिल्म के प्रदर्शित होने के बाद मराठे ने आईएएनएस से कहा, “यह अगस्त 2006 में ही प्रदर्शन के लिए तैयार थी। यह एक कभी न खत्म होने वाली यात्रा जैसा था। मेरे पास इस बात का कोई सुराग नहीं है कि इसके प्रदर्शन में इतना लम्बा समय क्यों लगा। कोई मुझे इसका सही कारण नहीं बता सकता और अब इसका कोई मतलब भी नहीं है क्योंकि फिल्म प्रदर्शित हो गई है।”

फिल्मकार रामगोपाल ने ‘शबरी’ का निर्माण किया है।

उन्होंने बताया, “मैंने यह उपन्यास लिखा। जल्दी ही ‘ए डॉग्स फ्राइडे’ नाम से इसका प्रकाशन होगा। मैंने इसे यह नाम इसलिए दिया कि मैं इस शुक्रवार का इंतजार करते हुए कुत्ते जैसा महसूस करने लगा था। यह उपन्यास एक निर्देशक की उसकी फिल्म के प्रदर्शित होने तक की यात्रा है। एक प्रकार से यह आत्मकथा है। यह बहुत रोचक है, इसमें ‘शबरी’ के निर्माण के समय की घटनाओं को शामिल किया गया है।”

मराठे ने बताया, “यह फिल्म एक महिला की अंडरवर्ल्ड की निजी यात्रा व उसके भावनात्मक अनुभवों की कहानी है।” अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, “एक बात स्पष्ट है कि मैं इस फिल्म को ऐसे बनाना चाहता था कि यह वास्तविक दिखे। इसका मतलब है कि हमें मेकअप में कई घंटे लगते थे और मुम्बई की झुग्गी-बस्तियों में लगातार शूटिंग करनी पड़ी। हमें ऐसे कलाकार की जरूरत थी जो सिनेमाई बौद्धिकता सम्पन्न हो, जिसमें इस बात की समझ हो कि फिल्म कैसी दिखनी चाहिए और हमें ईशा मिलीं।”

मराठे को ‘शबरी’ को दुनियाभर में सफलता मिलने का भरोसा है।

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