वैसे तो आजकल कार खरीदना कोई बड़ी बात नहीं। लोग अक्सर ऐसा करते रहते हैं, लेकिन बाजार में कुछ ऐसी कारें हैं, जिन्हें खरीदना हर किसी के वश की बात नहीं। हम और आप इन कारों को सिर्फ सपनों में ही खरीद और चला सकते हैं।
बुगाती, लेम्बोर्घिनी, एस्टन आदि कुछ ऐसी ही कारें हैं, जिनको सिर्फ और सिर्फ कोई धन कुबेर ही खरीद सकता है, किसी की लॉटरी लग जाय तो और बात है। इनकी कीमत ऐसी की सुनकर आंख फटी की फटी रह जाय और कान से आवाजें निकलने लगे। आप इनकी कीमत जानकर यहीं सोचेंगे कि कोई पागल ही होगा जो इन्हें खरीदेगा, मेरे पास इतने पैसे होते तो एक छोटा विमान ही खरीद लेता और सड़क छोड़ हवा में सैर करता।
दुनिया की ऐसी खास कारों को दुनिया के चंद खास लोगों के लिए ही बनाया जाता है। अगर आप अपने आप को कुछ खास [धन कुबेर] समझते हैं, तो इनका ऑडर दीजिए और घर ले आइए, वरना देखकर ही संतोष कर लीजिए।
बुगाती वेयरॉन कंवर्टेबल – इस कार को पिछले साल भारत में लांच किया गया था। भारत में इस कार की कीमत 16 करोड़ रुपए के आसपास है। इस कार में 1000 हॉर्सपावर का इंजन लगा है। यह कार 60 मील प्रति घंटे की रफ्तार से सिर्फ 2.5 सेकेंड में दौड़ने लगती है। इस कार की अधिकतम गति 253 मील प्रति घंटा है।
इसे जर्मन कार-निर्माता कंपनी “वोक्सवैगन” ने विकसित किया है और इसका उत्पादन “वोक्सवैगन-ब्रांड ब्युगाटी ऑटोमोबाइल एसएएस” ने अपने मुख्यालय मोलेशेम [अलसेस, फ्रांस] के सेंट जीन गढ़ी में किया है। इसके उत्पादन और विकास का श्रेय फ”र्डिनेंड कार्ल पिच” को दिया जाता है। इसका नाम फ्रांसीसी रेसिंग चालक “पियरे वेरॉन” के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने मूल ब्युगाटी कंपनी के लिए 1939 में रेसिंग करते हुए 24 अवर्स ऑफ ले मैंस जीता था।
लेम्बोर्घिनी सिस्टो एलिमेंटों – इस कार की कीमत भारत में लगभग 13 करोड़ 35 लाख रुपए है। इस कार की केवल 20 यूनिट्स का ही निर्माण किया गया है। यह कार केवल 2.5 सेकेंड में 62 मील प्रति घंटे की गति पकड़ लेती है।
इसका निर्माण एक इटालियन वाहन निर्माता कम्पनी करती है, जो कि सेंट अगाटा बोलोनीस के छोटे से शहर में स्थित है। कंपनी की शुरुआत फारूशियो लेम्बोर्गिनी द्वारा 1963 में की गयी थी। इस कंपनी का स्वामित्व बदलते रहा है। हाल ही में 1998 में यह जर्मन कार निर्माता ऑडी ए.जी. की सहायक कंपनी बनी है [जो स्वयं वोक्सवैगन समूह की एक सहायक कंपनी है] लेम्बोर्गिनी अपने सुन्दर, आकर्षक डिजाइनों के लिए अत्याधिक लोकप्रिय है।
मेकलेरेन मर्सिडीज एसएलआर – इस कार की सबसे खास बात यह है कि इसकी विंडशिल्ड नहीं है। इस कार की केवल 75 यूनिट्स का ही निर्माण किया गया है। इस कार में 5.5 लीटर का वी-8 इंजन लगा है। भारत में इस कार को हाल ही में लांच किया गया है। इस कार की कीमत 17 लाख डॉलर है और धीरे-धीरे इसके कद्रदान भी बढ़ते जा रहे हैं।
इस कार को बनाने वाली कंपनी “ब्रूस मेकलेरेन रेसिंग मोटर” की नींव ब्रिटेन में 1963 में न्यूजीलैंड के रहने वाले ब्रूस मेकलेरेन ने रखी थी। ब्रूस “ब्रटिश फार्मूला वन” के लिए ड्राइविंग किया करते थे।
एस्टन मार्टिन वन-77 – कार का नाम ही अपने आप में सबकुछ बयां कर देता है। अब तक इसके केवल 77 यूनिट्स का ही निर्माण किया गया है। इसकी कीमत 9 करोड़ 20 लाख रुपए है। बाजार में इसकी जबर्दस्त मांग है। इसे सबसे पहली बार 2008 के पेरिस मोटर शो में प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद 2009 के जेनेवा मोटर शो में इसके उत्कृष्ट स्वरूप को दिखाया गया।
एसटी वन एस जेनेवो – वर्ष 2011 में इस कार की केवल तीन यूनिट्स को ही बना गया और सभी को बेचा भी गया। इनको लाल, नीले और सफेद रंग में पेश किया गया था। लोगों ने इनको हाथों-हाथ लिया। इस कार की कीमत 8 करोड़ 28 लाख रुपए है। इस कार के साथ इसे बनाने वाली कंपनी 22 लाख 55 हजार रुपए की घड़ी मुफ्त दे रही थी।
इसे एक डेनीस स्पोर्टस कार कंपनी बनाती है, जो डेनीस द्वीप के जीलैंड में वीवी जेइलेंड के पास है। इसके उत्पादन और विकास का श्रेय जेस्पर जेंसन और ट्रोइल्स वोलर्ट्सेन को जाता है। इन दोनों के नामों से ही कंपनी का नाम जेनेवो निकला है। इसकी स्थापना 2004 में की गई थी और इसने 2009 से उत्पादन आरंभ कर दिया।