सिताब दियारा ।। अब तक नियति की मार से कराह रहे सिताब दियारा में अब उम्मीदें जगमगा रही हैं। लोकनायक जयप्रकाश की यह जन्मस्थली अब तक बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से महरूम थीं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा उनकी जन्मस्थली से भ्रष्टाचार के खिलाफ जनचेतना यात्रा की शुरुआत करने से पथराई आंखों में उम्मीद की किरण जगी है।

जिस गांव में जयप्रकाश जैसे लोकनायक ने जन्म लिया हो उस गांव के साथ नियति ने भी क्रूर मजाक ही किया। तभी तो 27 टोलों का गांव सिताब दियारा विकास की शक्ल नहीं देख सका क्योंकि यह दो राज्यों बिहार और उत्तर प्रदेश और तीन जिलों (आरा, बलिया और छपरा) की आपसी खींचतान का शिकार है।

उत्तर प्रदेश के लोग दावा करते हैं कि जयप्रकाश उनके हैं तो बिहार के लोग उन्हें अपना बताते हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के चक्कर में सिताब दियारा सड़क और बिजली से महरूम रह गया। वास्तविकता तो यह है कि जयप्रकाश का जन्म सिताब दियारा के लाला टोला में हुआ था और यह लाला टोला बिहार में पड़ता है जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी एक व्यक्ति पर है। आडवाणी की इस यात्रा से पहली बार सिताब दियारा में कोई बड़ा आयोजन हुआ है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज किशोर सिंह कहते हैं दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने जयप्रकाश को ‘हाईजैक’ कर लिया था। चंद्रशेखर ने बकायदा जयप्रकाश नगर बसा दिया और उन्होंने जयप्रकाश को उत्तर प्रदेश से जोड़ दिया जबकि सच्चाई यह है कि जयप्रकाश बिहार के हैं।

वह कहते हैं, “आडवाणी की यात्रा सिताब दियारा से आरम्भ करने से सबसे बड़ी उपलब्धि यह हुई कि जिस जयप्रकाश को चंद्रशेखरजी ने हमसे हाइजैक कर लिया था वह हमें वापस मिल गए हैं। आडवाणी की यात्रा के चलते अब गांव में बिजली आ गई है सड़कें बनने लगी हैं। जेपी हमारे हैं इसका एक सबूत यह भी है कि हमें जो बिजली मिल रही है वह बिहार सरकार उत्तर प्रदेश से खरीदकर दे रही है।”

सरयू और गंगा नदियों का संगम होने के चलते नियति ने भी सिताब दियारा से गजब खेल खेला। बारिश के मौसम में प्रतिवर्ष यहां के तटबंध टूट जाते हैं और पूरा सिताब दियारा इससे प्रभावित होता है। जयप्रकाश को लेकर दोनों राज्यों की सरकारों की आपसी लड़ाई के चलते सिताब दियारा का विकास नहीं हो पाया। इसका जीता जागता उदाहरण माझी पुल है इसे 10 साल पहले बिहार सरकार ने बनवाया था लेकिन आज तक इसका उद्घाटन नहीं हो सका।

वहीं, जयप्रकाश की पत्नी जयप्रभा के नाम पर बनाए गए जयप्रभा ट्रस्ट के सचिव आलोक कुमार सिंह ने बताया, “आडवाणीजी की इस यात्रा से हम काफी उत्साहित हैं। उनकी इस यात्रा ने सिताब दियारा में विकास के मार्ग खोल दिए। यहां पर जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। 10 से 15 दिनों के भीतर सिताब दियारा का कायाकल्प हो गया है।”

उल्लेखनीय है कि आडवाणी ने मंगलवार को सिताब दियारा से अपनी देशव्यापी जनचेतना यात्रा शुरू की। इस मौके पर उन्होंने शिक्षा स्वास्थ्य से जुड़े आधा दर्जन विकास योजनाओं की घोषणा की। आडवाणी अपनी इस यात्रा के दौरान 23 राज्यों में जाएंगे और करीब 7600 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।

[ब्रजेंद्र नाथ सिंह]

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here