नई दिल्ली ।। भारत के आधिकारिक दौरे पर आए नेपाल के प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई गुरुवार को उस समय भावुक हो उठे, जब 30 साल पहले अपनी कम्युनिस्ट साथी हिसिला यामी से हुई शादी को उन्होंने याद किया।

पूर्व विद्यार्थी मित्रों, साथियों और गुरुओं की ओर से अपने सम्मान में आयोजित एक स्वागत समारोह में भट्टराई ने कहा कि हिसिला और वह रीति-रिवाजों में विश्वास नहीं करते थे।

उन्होंने कहा, “इसलिए हमने शादी के तत्काल पंजीकरण के लिए तीस हजारी न्यायालय जाने का निर्णय लिया। लेकिन वकील ने हमें बताया कि इस प्रक्रिया में कम से कम एक महीना लगेगा।”

भट्टराई को माओवादी संघर्ष में शामिल होने के लिए नेपाल लौटने की जल्दी थी। वकील ने कहा कि यदि भट्टराई और हिसिला किसी प्रमुख व्यक्ति की उपस्थिति में आर्य समाज पद्धति से शादी करते हैं तो उसका तत्काल कानूनी पंजीकरण हो जाएगा।

भट्टराई ने कहा कि उसके बाद वह आर्य समाजी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के पास गए।

अग्निवेश ने उसके बाद उपस्थित लोगों को बताया कि उन्होंने किस तरह तत्परता से हवन का बंदोबस्त किया। उन्होंने बताया कि वह शादी के तमाम कर्मकांड भूलकर बड़ी तत्परता से श्लोक पढ़कर खत्म किया।

अग्निवेश ने कहा, “हमने प्रतीक स्वरूप थोड़ी सी अग्नि प्रज्वलित की। मैंने भट्टराई और हिसिला से कहा कि अग्नि महत्वपूर्ण होती है..दोनों में नेपाल में क्रांति शुरू करने की आग थी।”

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