सबरीमाला (केरल) ।। पिछले साल सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए जाने के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने से डरी हुई केरल सरकार ने इस साल दो महीने के सबरीमाला उत्सव के लिए सुरक्षा के अधिक पुख्ता प्रबंध किए हैं। पुल्लुमेडु पर्वत पर गुरुवार से सबरीमाला उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। 

राज्य सरकार ने किसी भी प्रकार के हादसे को टालने के लिए सावधानी बरतते हुए सबरीमाला मंदिर को जाने वाला एक नया रास्ता और एक नया पुल बनाया है। सरकार की कोशिश है कि मंदिर के रास्ते में ज्यादा भीड़ न हो।

राज्य के धर्मस्थलों की देखरेख करने वाले न्यास ‘देवासम’ के मंत्री वी.एस. शिवकुमार के मुताबिक इस साल के लिए एक नई सुरक्षा पुस्तिका बनाई गई है।

शिवकुमार ने कहा, “राज्य सरकार ने पुल्लुमेडु हादसे की जांच कर रहे न्यायाधीश हरिहरण आयोग की अंतरिम रपट स्वीकार कर ली है। उन्होंने तीर्थयात्रा को सुरक्षित बनाने व आनंददायक अनुभव के लिए 30 सुझाव दिए हैं।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने इस सम्बंध में चर्चा की थी। उन्होंने सभी सम्बद्ध अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए।”

त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष व शबरीमाला मंदिर के संरक्षक रोजगोपालन नैयर ने कहा है कि इस साल मंदिर के पहाड़ी रास्ते में बहुत कम दुकानें होंगी। यह भगवान अयप्पा का मंदिर है।

नैयर ने कहा, “हमने अधिक राजस्व न कमाने का निर्णय लिया है। इसलिए हम पाम्बा आधार शिविर व पहाड़ी की चोटी पर अस्थायी दुकानें लगाने के लिए लाइसेंस नहीं दे रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “इस साल वहां बहुत कम दुकानें होंगी, जो सिर्फ पूजन सामग्री बेचेंगी। लोग पहाड़ की चोटी पर आसानी से और बिना किसी तकलीफ के सुरक्षित ढंग से पहुंच सकें इसलिए हमने यह निर्णय लिया है।”

तीर्थयात्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए सन्निधानम व चंद्रनंदन सड़क मार्ग को जोड़ने वाले घुमावदार मार्ग पर मद्रास इंजीनियर ग्रुप ने 90 लाख रुपये की लागत से ‘बेले पुल’ बनाया है।

इसके अलावा पुलिस निर्माण निगम ने 1.31 करोड़ रुपये की लागत से एक नई सड़क या पगडंडी बनाई है।

सबरीमाला मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। इसे हिंदुओं का मक्का कहा जाता है।

[सानू जॉर्ज]

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