मुम्बई ।। निर्देशक रिभू दासगुप्ता की ‘माइकल’ टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विश्व प्रीमियर के लिए चुनी गई अकेली हिंदी फिल्म है। दासगुप्ता कहते हैं कि वह अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म के प्रीमियर को लेकर खुश तो हैं लेकिन उन्हें घबराहट भी हो रही है।

दासगुप्ता ने एक साक्षात्कार में कहा, “यह निश्चित रूप से एक सम्मान की बात है लेकिन मैं बहुत घबराया हुआ हूं। मुझे नहीं पता कि मैं वहां क्या करूंगा! मैंने सुना है कि वहां प्रश्नोत्तर का एक सत्र होता है। मुझे वास्तव में नहीं पता कि मुझे वहां क्या कहना है।”

कोलकाता की पृष्ठभूमि पर बनी ‘माइकल’ मनोवैज्ञानिक रोमांच से भरी फिल्म है। इसमें एक पिता-पुत्र के रिश्ते को दिखाया गया है। फिल्मकार अनुराग कश्यप ने इसका निर्माण किया है।

यूं तो दासगुप्ता एक फिल्मी खानदान से ताल्लुक रखते हैं। वह बांग्ला फिल्मकार राजा दासगुप्ता के बेटे व प्रख्यात वृत्तचित्र फिल्मकार हरिसदन दासगुप्ता के पोते हैं। उन्हें ब्रिटिश संगीतकार कैट स्टीवन के गीत ‘फादर एंड सन’ से यह फिल्म बनाने की प्रेरणा मिली थी।

उन्होंने कहा, “कैट स्टीवन का गीत ‘फादर एंड सन’ मेरी पहली प्रेरणा है। मेरा यह विश्वास भी है कि एक मां और बेटे के बीच के रिश्ते की अपेक्षा एक पिता और पुत्र के बीच का रिश्ता अधिक संवेदनशील होता है। मां के साथ रिश्ता बहिर्मुखी और अनौपचारिक होता है लेकिन पिता के साथ यह अधिक समझदारीभरा व संवेदनशील होता है। मैं इसी बात को उभारना चाहता था।”

फिल्म में नसीरुद्दीन शाह ने मुख्य भूमिका निभाई है। दासगुप्ता उनके अभिनय से बहुत खुश हैं। वह कहते हैं, “मैं सोच भी नहीं सकता कि नसीरुद्दीन के अलावा कोई अन्य इस किरदार को बेहतर ढंग से निभा पाता। इस भूमिका के लिए उनकी स्वीकृति मिलना बहुत खुशी की बात थी।”

बांग्ला अभिनेता सब्यसाची चक्रवर्ती और रुद्रमणि घोषाल ने भी फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं।

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