नई दिल्ली ।। बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर का कहना है भारतीय संस्कृति और भारतीय सिनेमा जगत के चुम्बकीय प्रभाव के चलते पश्चिमी देश लगातार इस बड़े बाजार की तरफ आकर्षित होते रहेंगे।

ज्ञात हो कि तीन दशकों के अपने अभिनय करियर के दौरान अनुपम खेर कई बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिल्मों में अपने अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुके हैं।

56 वर्षीय अनुपम ने कहा, “भारत को अब आर्थिक सांस्कृतिक बाजार के रूप में देखा जाता है। सिनेमा और व्यक्तिगत तौर पर हमारे पास पश्चिमी विश्व को देने के लिए बहुत कुछ है। हमारी सांस्कृतिक विरासत उन पर चुम्बकीय प्रभाव का कार्य करती है।”

हाल ही में भारतीय-कनाडाई फिल्म ‘स्पीडी सिंह’ में काम करने वाले इस अभिनेता ने कहा कि सहिष्णुता, विश्वास और परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बैठाने के साथ हर क्षेत्र में भारत के पास पश्चिमी देशों को देने के लिए बहुत कुछ है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुपम ‘बेंड इट लाइक बेकहम’, ‘ब्राइड एंड प्रिज्यूडाइस’, ‘द मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसिज’ और ‘द अदर इंड ऑफ द लाइन’ जैसी विश्व विख्यात फिल्मों में काम कर चुके हैं।

बॉलीवुड और हॉलीवुड के आपसी सहयोग के सवाल पर अनुपम कहते हैं कि वह इस बात से खुश हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार ने भारत की सांस्कृतिक क्षमता को पहचानना शुरू कर दिया है।

अनुपम कहते हैं, “विदेशी, हॉलीवुड या यूरोपीय देशों के लोग अब भारतीय बाजार को समझने लगे हैं। वे इस बात को जानते हैं कि भारत एक बड़ा बाजार है और वे यहां भी अपनी फिल्में प्रदर्शित कर सकते हैं। इसी वजह से अब फिल्में एक ही तिथि को पूरे विश्व में प्रदर्शित होती हैं।”

अनुपम ने कहा, “मैं अब भी यह महसूस करता हूं कि हमने पिछले पांच वर्षो जो हासिल किया है उससे और अधिक सहयोग की तरफ देखना चाहिए। लेकिन यह केवल एक शुरुआत है। इसमें समय लगेगा..रातों रात बदलाव नहीं होगा। बदलाव में समय लगता है लेकिन हम उन चीजों को हासिल करने के लिए सही रास्ते पर जा रहे हैं।”

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