नई दिल्ली ।। बॉक्सऑफिस पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अब भारतीय फिल्मकार अपनी फिल्मों को ज्यादा से ज्यादा पर्दो पर उतारने की होड़ कर रहे हैं। मुम्बई के फिल्म वितरक नरेंद्र हीरावत ने बताया, “फिल्म के बजट, उसके कलाकारों और निर्देशक पर बहुत कुछ निर्भर करता है। इसी आधार पर यह निर्णय लिया जाता है कि फिल्म कितने पर्दो पर उतारी जाए।”

उन्होंने कहा, “यदि फिल्म की कहानी अच्छी है, उसमें अच्छे कलाकार हैं और वह दर्शकों को आकर्षित कर रही है तो ऐसी फिल्म को ज्यादा पर्दो पर उतारना चमत्कार कर सकता है, वर्ना कभी-कभी काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है।”

शाहरुख खान अभिनीत और 150 करोड़ रुपये की लागत से बनी सुपरहीरो फिल्म ‘रा.वन’ को 3000 से ज्यादा पर्दों पर उतारा गया था। सलमान खान अभिनीत सफलतम फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ 2,250 पर्दो पर उतारी गई थी।

‘देहली बेली’ को 1,400 पर्दो पर और ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ को 1,800 पर्दो पर उतारा गया था।

रणबीर कपूर अभिनीत ‘रॉकस्टार’ 2,500 पर्दो पर प्रदर्शित हुई है और इसके एक दिन में 14 से 15 शो दिखाए जा रहे हैं। क्रिसमस के समय प्रदर्शित होने जा रही ‘डॉन 2-द चेज कांटिन्यूज’ और भी ज्यादा पर्दो पर उतारी जा सकती है। यह फिल्म 23 दिसम्बर को प्रदर्शित होगी।

फिल्म व्यवसाय में आए बदलाव का जिक्र करते हुए दिल्ली के वितरक जोगिंदर महाजन कहते हैं कि अब तीन दिन के अंदर फिल्म की तकदीर पता चल जाती है।

महाजन ने कहा, “किसी फिल्म के 25 सप्ताह तक एक ही थियेटर में लगातार प्रदर्शित होने के दिन अब चले गए। आजकल प्रदर्शन के शुरुआती तीन दिन बता देते हैं कि फिल्म बॉक्सऑफिस पर कैसा व्यवसाय करेगी। फिल्म की समीक्षाएं खराब होने के बाद भी यदि उसमें बड़े कलाकार हैं और उसका प्रचार अच्छी तरह किया गया है तो फिल्म तीन दिन के अंदर अपनी लागत के बराबर व्यवसाय तो कर ही लेती है।”

ईद पर प्रदर्शित हुई ‘बॉडीगार्ड’ 60 करोड़ रुपये की लागत से बनी थी लेकिन इसने प्रदर्शन के शुरुआती चार दिन में ही 86 करोड़ रुपये का व्यवसाय कर लिया था। इसी तरह ‘रा.वन’ ने पहले सप्ताहांत में ही दुनियाभर से 170 करोड़ रुपये का व्यवसाय कर लागत वसूल ली थी।

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