नई दिल्ली ।। दोस्ती पर आधारित अपनी आगामी फिल्म ‘माई फ्रेंड पिंटो’ के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली का माना है कि हिंदी फिल्म उद्योग में दोस्ती को जारी रखना सबसे कठिन काम है।

भंसाली ने से बातचीत में कहा, “बॉलिवुड में दोस्ती..यह बहुत मुश्किल काम है! मुश्किल इसलिए क्योंकि यहां जोरदार प्रतिस्पर्धा है। लोग यहां बहुत दोस्ताना हैं, मिलनसार हैं, अच्छे हैं..लेकिन इस जगह असली दोस्ती को जारी रखना बहुत मुश्किल है।”

भंसाली उन फिल्मकारों में से हैं, जिनके कई बड़े स्टारों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। इनमें से सलमान खान, फराह खान, अजय देवगन, आदित्य चोपड़ा, रानी मुखर्जी, रणबीर कपूर और सोनम कपूर प्रमुख हैं।

इनमें से अधिकांश कलाकारों ने भंसाली की फिल्मों में काम किया है। इनका अलावा कई फिल्मी कलाकारों के साथ भंसाली का वाकयुद्ध चलता रहता है तो कइयों के साथ दंभ की लड़ाई है।

भंसाली को शर्तो पर आधारित दोस्ती से नफरत है। वह इसे लेकर अपनी राय रखते हुए कहते हैं, “बॉलीवुड प्रतिस्पर्धात्मक स्थान है लेकिन मेरे लिए दोस्ती का मतलब है कि मैं अच्छे रिश्ते रखने वालों के साथ बार-बार काम करना पसंद करता हूं।”

“यह एक लिहाज से जिम्मेदारी की तरह है। यह एक ऐसी जिम्मेदारी होती है, जिसे आपको हर हाल में निभाना होता है।”

तो फिर भंसाली के लिए अच्छी दोस्ती का क्या अर्थ है? भंसाली ने कहा, “मेरा मानना है कि अच्छा दोस्त वह है, जो यह कहे कि ठीक है आपने मेरे साथ फिल्म बनाई है। हमारा पेशेवर रिश्ता अच्छा रहा है। यह काम पर आधारित दोस्ती है।”

“अब अगर मेरी फिल्म की कहानी किसी अन्य किरदार की मांग करती है तो फिर पुराने दोस्त को यह नहीं लगना चाहिए कि मैंने किसी और को लेकर फिल्म बना ली। इसका यह मतलब नहीं होना चाहिए कि मैं अपने पुराने कलाकारों की कद्र नहीं करता या फिर उनके साथ धोखा कर रहा हूं।”

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