मुम्बई ।। अपनी आने वाली फिल्म ‘लंका’ में रावण से प्रेरित किरदार निभाने वाले अभिनेता मनोज वाजपेयी की मानें तो वह ‘खलनायक’ शब्द में विश्वास नहीं रखते।

मनोज ने पत्रकारों को बताया, “मैं दुष्ट और सकारात्मक भूमिकाएं नहीं करता। मैं मानवीय किरदार निभाता हूं। वे नकारात्मक और सकारात्मक दोनों होते हैं। अगर आप कहेंगे कि मैं सिर्फ खलनायक की भूमिका करता हूं, तो आपकी खोज गलत है।”

मनोज ने फिल्म ‘अक्स’, ‘रोड’, ‘राजनीति’ और ‘आरक्षण’ में खलनायक का किरदार निभाया है, लेकिन इसके बावजूद वह मानते हैं कि उनकी भूमिकाओं को खलनायक नहीं कहा जा सकता।

फिल्म ‘सत्या’ में अंडरवर्ल्ड डॉन भीखू महातरे के अपने किरदार के लिए मशहूर मनोज ने कहा, ” ‘शूल’ में मेरा खलनायक का किरदार नहीं था, ‘जुबैदा’ में भी नहीं था और ‘लंका’ में मैं खुद किरदार में हूं। यह किरदार समाज में रहने वाले हर इंसान जैसा है। हम सबका अपना एक दृष्टिकोण होता है। इसलिए इन्हें खलनायक की भूमिका नहीं कही जा सकती है।”

42 वर्षीय मनोज मानते हैं कि उनके व्यक्तिगत जीवन में भी कई नकारात्मक पहलू हैं।

” मैं बहुत महत्वाकांक्षी हूं और मैं अपने काम के लिए बहुत सारी चीजों को छोड़ सकता हूं। कई बार मैं झूठ बोलता हूं और कई बार बहुत पैसा कमाना चाहता हूं, तो कई बार मैं बिना मेहनत किए पैसा कमाना चाहता हूं। इसलिए मेरे अंदर बहुत सी बुरी चीजें हैं और मैं उन्हें आपके साथ साझा नहीं करना चाहता। “

मकबूल खान के निर्देशन में बनी फिल्म लंका में अर्जन बाजवा और तिया वाजपेयी भी नजर आएंगे।

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