शिकागो ।। सदाबहार अभिनेता देव आनंद जल्दी ही अपने अग्रणी फिल्म निर्माण गृह नवकेतन फिल्म्स पर आधारित एक किताब पेश करने वाले थे लेकिन इससे पहले ही दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। शनिवार रात को 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए देव आनंद ने इस किताब को और भी प्रासंगिक बना दिया है। 

सिनेमा ‘मॉडर्न-द नवकेतन स्टोरी’ (हार्परकोलिंस, 180 पृष्ठ, 1,999 रुपये) के लेखक सिद्धार्थ भाटिया ने कहा, “देव आनंद वास्तव में इस किताब के लोकार्पण का इंतजार कर रहे थे। उनके न रहने का दुख तो है लेकिन मुझे लगता है कि उनके जाने से यह किताब और भी प्रासंगिक हो गई है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति की उपलब्धियों का जश्न मनाने का तरीका है।”

यह किताब देश के सबसे प्रगतिशील फिल्म निर्माण गृह का इतिहास पेश करती है। देश के स्वतंत्र होने के साथ शुरू हुए इस निर्माण गृह ने काफी सफलता हासिल की। यह किताब आनंद भाइयों देव, चेतन व विजय की कहानी कहती है।

साल 1949 में देव आनंद के बड़े भाई चेतन ने नवकेतन की शुरुआत की थी। इस बैनर तले ‘बाजी’, ‘टैक्सी ड्राईवर’, ‘फंटूश’, ‘काला पानी’, ‘हम दोनों’, ‘ज्वैल थीफ’, ‘तेरे घर के सामने’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ और ‘गाइड’ जैसी सफलतम फिल्में बनीं। नवकेतन बैनर की ज्यादातर फिल्में शहरी पृष्ठभूमि पर आधारित थीं जबकि उस समय की ज्यादातर फिल्में ग्रामीण पृष्ठभूमि में रची जा रही थीं।

भाटिया कहते हैं कि तीनों आनंद भाई बहुत बुद्धिमान और शिक्षित थे। उन्होंने कहा, “चेतन आनंद ने आईसीएस (इंडियन सिविल सर्विस) की पढ़ाई की थी। अन्य दोनों भाइयों ने लाहौर के प्रतिष्ठित गवर्नमेंट कॉलेज में पढ़ाई की थी। वे बहुत तेज और बौद्धिक थे। इसलिए वे यह देख सके कि फिल्मोद्योग में चीजें किस तरह से और तेजी से बदल रही हैं।”

नवकेतन की शहरी पृष्ठभूमि वाली फिल्मों पर भाटिया का कहना है, “ये उनकी पृष्ठभूमि व उनकी संवेदनशीलता थी। उनके पिता ब्रिटिश शैक्षिक अनुभवों में विश्वास करते थे। आनंद भाई व उनके मित्र हॉलिवुड से बहुत प्रभावित थे। उनकी सोच शहरी थी, ग्रामीण नहीं।”

नवकेतन फिल्म्स की एक और खासियत महिला किरदारों का प्रगतिशील दिखाया जाना थी। भाटिया कहते हैं, “नवकेतन में महिलाओं के अपनी तरह के किरदार थे। यहां तक कि नकारात्मक किरदार भी रोचक व मोहक लेकिन ठग होते थे। ‘बाजी’ की गीता बाली, ‘टैक्सी ड्राईवर’ की शीला रमानी, ‘ज्वैल थीफ’ की तनुजा ऐसे महिला किरदार हैं जो आत्मविश्वास के परिपूर्ण हैं।”

उन्होंने कहा कि इसी तरह ‘गाइड’ की रोजी अपनी ही तरह का एक किरदार है।

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