नई दिल्ली ।। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष राम विलास पासवान को अपने बेटे चिराग के राजनीति के बजाय बॉलिवुड को करियर के रूप में चुनने पर कोई पछतावा नहीं है।

पासवान का कहना है कि बेटे की इस पसंद पर उन्हें गर्व है और वह उम्मीद करते हैं कि चिराग अपनी पहली फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ के प्रदर्शन के बाद फिल्म उद्योग में शीर्ष स्थान हासिल कर लेगा।

पासवान ने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित एक सम्मेलन में पत्रकारों को बताया, “चिराग जिस किसी क्षेत्र में जाना चाहता है, उसे हमारा समर्थन है। मेरी एक ही कामना है कि वह जहां भी जाए शीर्ष पर रहे। अब अगर वह फिल्म उद्योग में जा रहा है तो मुझे लगता है कि उसे वहां नम्बर एक स्थान हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “सभी के पिता चाहते हैं कि उनका बेटा आगे बढ़े और जीवन में अच्छा काम करे। इसलिए मैं भी ऐसा ही चाहता हूं। एक समय था जब माता-पिता अपने बेटे के करियर के बारे में निर्णय लिया करते थे लेकिन आज की पीढ़ी हमसे आगे है और हमसे से बेहतर जानती है। इसलिए यह ठीक नहीं होगा कि हम अपनी पसंद थोप दें। हमें अपने बच्चों को उनकी पसंद का करियर चुनने की स्वतंत्रता देनी चाहिए।”

पासवान ने स्वीकार किया कि चिराग अपने जीवन में क्या करना चाहता है, इसको लेकर वह हमेशा उलझन में रहते हैं।

चिराग की पहली फिल्म गुरुवार को प्रदर्शित होने जा रही है जिसमें वह तीन अभिनेत्रियों कंगना रानाउत, सागरिका घाटगे और नीरू बाजवा के साथ रोमांस करते नजर आएंगे।

चिराग ने अपने पिता के लिए सक्रिय रूप से प्रचार करने के कारणों का जिक्र करते हुए कहा, “राजनीति मेरे खून में है। मैं चाहकर भी इससे दूर नहीं रह सकता। अभिनेता बनना मेरा सपना रहा है और अपने इस सपने को पूरा करके मैं खुश हूं। मैंने बॉलिवुड को पेशे के तौर पर चुना है लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं देश के लोगों के लिए काम करना चाहता हूं। गाहे-ब-गाहे मैं वह भी जारी रखूंगा।”

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