पणजी ।। अभिनेत्री-निर्माता प्रीति झांगियानी का कहना है कि सरकार और कारपोरेट घरानों को किसानों की जमीने जबरदस्ती खरीदने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में यह चलन बढ़ता जा रहा है। 

यहां चल रहे 42वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के इंडियन पैनोरमा खंड में झांगियानी की फिल्म ‘सही बंदे गलत धंधे’ का प्रदर्शन हुआ। यह फिल्म ग्रामीण भारत में संस्थागत रूप से भूमि हथियाने के मामले पर आधारित है। फिल्म में झांगियानी के पति प्रवीण डबास ने अभिनय किया है। 

झांगयानी ने फिल्म के प्रदर्शन के एक दिन बाद सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “यह दुखद है कि किसानों पर उनकी जमीन बेचने के लिए दबाव बनाया जाता है। फिर चाहे इसके लिए ज्यादा पैसा ही क्यों न दिया जाए, पैसा ही सब कुछ नहीं है, क्योंकि यह नौकरी की तरह हमेशा नहीं रहता।”

‘सही बंदे गलत धंधे’ चार युवाओं की कहानी है। इन युवाओं का भाड़े का एक गिरोह होता है, जो लोगों से उनकी जमीन हथियाने के लिए उन्हें धमकाता है। बाद में इस गिरोह का ह्रदय परिवर्तन होता है और वे उन्हीं ग्रामीणों की मदद के लिए तैयार हो जाते हैं, जिनकी जमीने उन्होंने खाली कराई थीं।

झांगियानी ने बताया, “हमने फिल्म का पहला प्रदर्शन दिल्ली के नजदीक कंझावला गांव में किया था। हमने फिल्म के प्रति ग्रामीणों की प्रतिक्रिया से बहुत कुछ सीखा। यह एक ऐसा विषय था, जो उनके दिल के करीब था।” झांगियानी इससे पहले ‘मोहब्बतें’, ‘आवारा पागल दीवाना’ और ‘एलओसी करगिल’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं।

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