नई दिल्ली ।। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि चालू खाता घाटे में हो रही वृद्धि और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के मद्देनजर, 2014 तक निर्यात को बढ़ाकर दोगुना करने के लिए उसने एक रणनीति पत्र तैयार किया है।

सरकार ने यह रणनीति तब बनाई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में कहा था कि देश का बचत खाता घाटा जून में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.1 प्रतिशत हो गया और इसके प्रभावों से निपटने के लिए निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता है।

केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने वाणिज्य एवं उद्योग पर संसदीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुरुवार देर शाम कहा था, “जटिल वैश्विक आर्थिक वातावरण को देखते हुए रणनीति पत्र तैयार किया गया है। वैश्विक आर्थिक वातावरण में पिछले कुछ वर्षो के दौरान काफी संकटपूर्ण स्थितियां सामने आई हैं।”

शर्मा ने कहा, “सरकार चालू खाता घाटे को तथा व्यापार घाटे को नियंत्रण योग्य सीमा के अंदर बनाए रखने को लेकर चिंतित है।”

रणनीति पत्र में वार्षिक निर्यात वृद्धि दर लगभग 26.7 प्रतिशत तय की गई है, और उत्पादों, बाजारों, प्रौद्योगिकियों तथा ब्रांड विकास पर खास जोर दिया गया है।

शर्मा ने कहा, “उत्पाद के स्तर पर हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है, जहां हमारे लिए पर्याप्त वृद्धि की सम्भावना हो। इसमें इंजीनियरिंग वस्तुओं, बुनियादी रसायन, कार्बनिक, अकार्बनिक रसायन उद्योगों, दवा उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं।”

शर्मा ने आगे कहा कि रणनीति पत्र में विभिन्न क्षेत्रों के लिए निर्यात लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और इसमें श्रम केंद्रित उद्योगों पर विशेष ध्यान देने का इरादा भी रखा गया है।

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