नई दिल्ली ।। एक तरफ देश में दूरसंचार सेवा के उभोक्ताओं की संख्या बढ़ती जा रही है, तो वहीं दो सरकारी दूरसंचार कम्पनियां अपने संचालन के लिए सरकार से वित्तीय सहायता मांग रही हैं। केंद्रीय दूरसंचार राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड [बीएसएनएल] को 2009-10 में 1,823 करोड़ रुपये और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड [एमटीएनएल] को 2,611 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

मिलिंद ने कहा कि इन कंपनियों को फायदे में लाने के लिए अनेक प्रस्ताव दिए गए हैं, जिसमें दोनों को आपस में विलय करने का सुझाव भी है, जबकि एक अन्य प्रस्ताव में घाटे में चल रही इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज [आईटीआई] का विलय बीएसएनएल में करने का सुझाव है।

उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड ने दूरसंचार विभाग से वित्तीय सहायता की मांग की है, जिस पर विभाग विचार कर रहा है। 

अपने जवाब में मिलिंद ने कहा है कि बोर्ड ऑफ रिकंस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज ने आईटीआई और बीएसएनएल के विलय या बीएसएनएल द्वारा आईटीआई को खरीदे जाने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने एमटीएनएल का भी बीएसएनएल में विलय किए जाने का सुझाव रखा है।

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