नई दिल्ली ।। कृषि उत्पादन में 3.9 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत के निम्न स्तर पर आ गई।

पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान वृद्धि दर 8.8 प्रतिशत थी।

राष्ट्रीय आय के अनुमानों पर मंगलवार को जारी नए आकड़े जाहिर करते हैं कि निम्न वृद्धि दर मुख्यरूप से इस कारण रही, क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की अपेक्षाकृत निम्न वृद्धि दर रही। जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 10.6 प्रतिशत थी।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर जारी ताजा आकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के एक मिश्रित रुझान प्रस्तुत करते हैं। वित्त वर्ष 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत थी और उसके पहले के वित्त वर्ष में वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी।

जून में समाप्त हुई तिमाही में निर्माण और खनन क्षेत्रों के वृद्धि दर में तीव्र गिरावट देखी गई और दोनों क्षेत्रों की वृद्धि दर क्रमश: 7.7 प्रतिशत व 7.4 प्रतिशत से घटकर 1.2 प्रतिशत और 1.8 प्रतिशत पर आ गई। जबकि परिवहन व व्यापापर जैसी सेवाओं में वृद्धि दर 12.8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही।

जहां कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 2.4 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 3.9 प्रतिशत हो गई, वहीं बिजली एवं गैस क्षेत्र की वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत के मुकाबले 7.9 प्रतिशत रही। वित्तीय सेवाओं की वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत के मुकाबले 9.1 प्रतिशत पर आ गई।

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