नई दिल्ली ।। पिछले माह की 29 तारीख को समाप्त हुए सप्ताह में भी खाद्यान्न महंगाई दर दहाई अंक में बनी रही, हालांकि इसमें मामूली गिरावट दर्ज की गई। 22 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के 12.21 फीसदी के मुकाबले 29 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.81 फीसदी रही। दाल, सब्जियों, दूध तथा मांस, मछली की कीमतों में वृद्धि हुई। अक्टूबर के चार सप्ताह में खाद्यान्न महंगाई दर में लगातार वृद्धि की वजह त्योहारों के कारण खाद्य वस्तुओं की बढ़ती मांग रही। जनवरी, 2010 से ही मुद्रास्फीति की दर दहाई अंक के करीब बनी हुई है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मासिक मुद्रास्फीति की दर सितम्बर में 9.72 फीसदी रिकॉर्ड की गई।

महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 2010 की शुरुआत से ही 13 बार महत्वपूर्ण ब्याज दरों में वृद्धि की, लेकिन रिजर्व बैंक की कठोर मौद्रिक नीतियों के बावजूद बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका।

पिछली बार ब्याज दरों में वृद्धि के दौरान रिजर्व बैंक ने कहा था कि यह आगे सम्भवत: इस तरह के कदम नहीं उठाए, क्योंकि दिसम्बर से महंगाई दर में कमी आने की उम्मीद है।

उधर, उद्योग जगत का कहना है कि औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की एक प्रमुख वजह बढ़ती ब्याज दर है। सितम्बर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 1.9 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। मौजूदा वित्त वर्ष के पिछले छह माह में इसमें केवल पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान प्राथमिक वस्तु सूचकांक में 11.43 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले सप्ताह यह 12.08 फीसदी थी। 29 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान ईंधन और बिजली सूचकांक में कोई परिवर्तन नहीं हुआ और यह 14.5 फीसदी रहा। लेकिन गैर खाद्य वस्तु सूचकांक में मामूली गिरावट दर्ज की गई और यह 6.41 फीसदी पर आ गई।

पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में प्रमुख वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव इस प्रकार रहा :

प्याज : (-) 19.31 फीसदी

सब्जियां : 26.05 फीसदी

फल : 11.07 फीसदी

आलू : 0.53 फीसदी

अंडे, मांस व मछली : 12.74 फीसदी

मोटे अनाज : 4.07 फीसदी

चावल : 4.27 फीसदी

गेहूं : (-) 1.77 फीसदी

दालें : 13.27 फीसदी

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