नई दिल्ली ।। भारत द्वारा 10.4 अरब डॉलर के 126 मध्यम बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया शुक्रवार को अंतिम चरण में पहुंच गई। अब सबसे कम बोली लगाने वाले निविदाकर्ता का निर्णय किया जाएगा। अंतिम दौर में यूरोपीय संघ का यूरोफाइटर एवं फ्रांस की डेसाल्ट एविएशन है।

अंतिम दौर के विजेता का निर्णय करने के लिए रक्षा मंत्रालय एवं वायुसेना अगले दो हफ्ते तक विचार विमर्श करेंगे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “एमएमआरसीए सौदे के लिए निविदा दो कम्पनियों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में खोले गए।” इन विमानों की खरीद प्रक्रिया 2007 में शुरू हुई थी, जो भारतीय मानदंडों के अनुसार अब तक की सबसे तीव्रतम प्रक्रिया है।

2006 में लाई गई रक्षा खरीद नीति के तहत इस निविदा के विजेता को सौदे की राशि का 50 फीसदी का हिस्सा भारतीय रक्षा उद्योग में निवेश करना होगा। भारत ने अप्रैल में यूरोफाइटर टाइफून एवं डेसाल्ट रफाले को अंतिम दो के रूप में चयनित किया था।

इस दौड़ में अन्य प्रतियोगी अमेरिका कम्पनी लॉकहीड मार्टीन के एफ-16 एवं बोइंग एफ/ए-18, रूस का मिग-35 और स्वीडन की कम्पनी सॉब का ग्रिपेन थे।

एमएमआरसीए की दौड़ हारने के बाद नाराज अमेरिका ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमान की पेशकश की है। वहीं रुस के साथ भारत ने पहले से ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सुखोई-टी-50 के विकास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here