नई दिल्ली ।। देश में अपने तरह के एक पहले सर्वेक्षण से पता चला है कि विभिन्न क्षेत्रों की करीब 20 फीसदी कम्पनियां सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर अपेक्षाकृत कम खर्च करती है लेकिन इसका उनके व्यावसाय पर प्रभावी असर पड़ता है। बाजार शोध कम्पनी कोइस एज और साइबर मीडिया द्वारा करवाए गए ‘व्यावसायिक मूल्य बनाने की प्रक्रिया : अवधारणा, अनुभवजन्य समर्थन और परिवर्तन व विकास ढांचा’ नामक शोध के मुताबिक 33 फीसदी कम्पनियां ऐसी हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में फिसड्डी है। 

नौ औद्योगिक क्षेत्रों की 305 कम्पनियों पर किए गए शोध के मुताबिक 47 फीसदी कम्पनियां बीच की स्थिति में हैं। इस शोध से चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि प्रौद्योगिकी सम्पन्न कम्पनियों के व्यवसाय पर उनके द्वारा आईटी पर अपेक्षाकृत कम खर्च करने के बावजूद इसका प्रभावी असर पड़ता है।

इस बारे में कोइस एज के संस्थापक और प्रमुख सलाहकार कपिल देव सिंह ने कहा, “शोध के परिणाम से पता चलता है कि प्रौद्योगिकी सम्पन्न कम्पनियां अपेक्षाकृत कम खर्च के बावजूद अपनी व्यवसाय के लिए आईटी का प्रभावी दोहन करती हैं।”

साइबर मीडिया रिसर्च के प्रमुख थॉमस जॉर्ज ने कहा, “जैसा कि कम्पनियां आईटी निवेश से कम खर्च में शीघ्र परिणाम चाहती हैं, ऐसे में यह काफी अहम हो जाता है इस विरोधाभास के बीच कैसे संतुलन कायम किया जाए। जैसा कि हमारे शोध से पता चलता है कि बेहतर करने के लिए संस्थान के भीतर आईटी के लिए पर्वितन और विकास पर ध्यान देना होगा।”

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