नई दिल्ली ।। दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा 27 सितंबर से लागू की गई डीएनसी सेवा अब उपभोक्ताओं के लिए सिर का दर्द बनती नजर आ रही है। दरअसल इस नियम के अनुसार एक प्रीपेड नंबर से एक दिन में अधिकतम 100 और पोस्टपेड नंबर से महीने में अधिकतम 3000 एसएमएस ही भेजे जा सकते हैं।

लोगों को परेशान करने वाले टेलीमार्केटिंग एसएमएस रोकने के लिए एसएमएस की संख्या सीमित कर आम उपभोक्ताओं को अनचाहे एसएमएस से छुटकारा दिलाने के लिए इस नियम को लागू किया गया है। लेकिन अब इस नियम से आम उपभोक्ता को ही परेशानी हो रही है। दरअसल आम उपभोक्ता और खास कर युवा एसएमएस सेवा का काफी अधिक उपयोग करते है क्योंकि ये सेवा इस्तेमाल करने में काफी सस्ती पड़ती है और एसएमएस करने से आप-पास के लोगों को भी किस तरह की परेशानी नहीं होती है। युवाओं को ट्राई द्वारा लागू किए गए इस नियम से काफी परेशानी है उनका मानना है कि एसएमएस की संख्या काफी काम है इसे बढ़ाया जाना चाहिए।

आशा शर्मा (28) जो एक प्राईवेट कम्पनी में काम करती हैं जब उन से इस नियम के बारे में पूछा गया तो वो कहते है कि ” ट्राई द्वारा लागू किया गया ये नियम सही नहीं है, इससे आम उपभोक्ता को ही परेशानी हो रही है। “

रेनू (21) जो दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती है के अनुसार ” ट्राई का ये नियम काफी गलत है,  टेलीमार्केटिंग एसएमएस पर लगाम लगाने के लिए लागू किया गए इस नियम से तो आम उपभोक्ता ही परेशान है। हम छात्रों के लिए तो एसएमएस एक काफी किफायती सेवा है, बाजार में 100 रूपये के अंर्तगत सभी कम्पनियो के एसएमएस पैक मिल जाते है जिससे की हमारा पूरा महीना आराम से कट जाता था लेकिन अब इस नियम से हमारी परेशानियां थोड़ी बढ़ने वाली है।”

बेशक ट्राई के इस नियम से एसएमएस द्वारा की जा रही टेलीमार्केटिंग पर तो काफी हद तक रोक लगी है लेकिन वही दूसरी तरफ इस नियम ने आम उपभोक्ता के सर का दर्द बढ़ा दिया है। लोगों की माने तो ट्राई को जल्द ही इस नियम के बारे में थोड़ा और सोचना चाहिए।

[ कुलवीर ]

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