Hindi7.com 2009 की आर्थिक मंदी की मार से सभी देश कमोबेश प्रभावित हुए थे। परंतु लगता है कि ब्रिटेन अभी तक इससे उबर नहीं पाया है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़े तो यही कहते हैं। प्राप्त आंकड़ो की माने तो ब्रिटेन की इकोनॉमी भारी मुसीबत में फंसी हुई है। पिछले दो सालों में यहां बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई है। सबसे ज्यादा परेशानी की बात यह है कि इससे निपटने के लिए ब्रिटेन की सरकार द्वारा उठाए गए तमाम कदम असफल साबित हो रहे हैं।

ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी भत्ते का लाभ उठाने की तादाद बीते मई महीने में 19,200 तक पहुंच गई। जबकि अंदाजा लगाया जा रहा था कि यह आंकड़ा सात हजार से ज्यादा नहीं होगा। देश में बेरोजगारी दर अनुमान के मुताबिक 7.7 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जो नवंबर और जनवरी के 7.9 प्रतिशत के मुकाबले कुछ ही कम है।

 

आपको यह भी बता दें कि ब्रिटेन में सार्वजनिक श्रेत्र में इस साल के शुरूआती तीन महीनों के दौरान, नौकरियों में 24 हजार तक की कमी दर्ज की गई है।

 

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