बर्मिंघम, Hindi7.com ।। एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन भारत की पहली पारी 224 रन के मामूली स्कोर पर सिमट गई। तेज और स्विंग लेती पिच पर भारतीय बल्लेबाजों को समेटने के बाद इंग्लैंड ने अपने पहली पारी में की ठोस शुरुआत की और दिन का खेल खत्म होने तक अपनी स्थिति मजबूत कर ली।

स्टुअर्ट ब्राड और टिम ब्रेसनन की घातक गेंदबाजी से भारत 224 रन पर ही ढेर हो गया। भारतीय स्कोर एक समय सात विकेट पर 111 रन था, लेकिन धोनी की 96 गेंद पर दस चौकों और तीन छक्कों की मदद से खेली गयी 77 रन आतिशी पारी से 200 रन के पार पहुंचने में सफल रहा।

इंग्लैंड ने इसके बाद दिन के बाकी बचे 25 ओवरों में बिना किसी नुकसान के 84 रन बनाये। कप्तान एंड्रयू स्ट्रास [नाबाद 52] और एलिस्टेयर कुक [नाबाद 27] श्रृंखला में पहली बार फार्म में दिख रहे हैं, जिससे भारतीयों की परेशानी बढ़ गयी है। जहीर खान की अनुपस्थिति में भारत का कोई भी तेज गेंदबाज दोनों पर खास प्रभाव नहीं छोड़ पा रहा। इंग्लैंड अब भारत से केवल 140 रन पीछे है और उसके सभी दस विकेट बचे हुए हैं।

एजबेस्टन की पिच से गेंदबाजों को स्विंग मिल रही थी, लेकिन भारतीयों को इससे कोई फायदा नहीं मिला। ब्राड और ब्रेसनन ने जरूर अपने कप्तान का टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने के फैसले को सही साबित किया। इन दोनों ने चार-चार जबकि जेम्स एंडरसन ने दो विकेट लिये।

श्रृंखला में 0-2 से पीछे चल रहे भारत ने पहले दोनों सत्र में चार-चार विकेट गंवाये। कंधे के ऑपरेशन से उबरने के बाद वापसी करने वाले वीरेंद्र सहवाग [0] उनके सफल सलामी जोड़ीदार गौतम गंभीर [38], महाशतक का इंतजार कर रहे सचिन तेंदुलकर [1] और अच्छी फार्म में चल रहे राहुल द्रविड़ [22] पहले सत्र में पवेलियन लौट गये।

लंच के बाद शार्ट पिच गेंदों के सामने अपनी कमजोरी जाहिर करने वाले सुरेश रैना [चार], संकटमोचक, लेकिन पुल शाट खेलने में ज्यादा उतावला पन दिखा रहे वीवीएस लक्ष्मण [30], अभ्यास मैच में अर्धशतक जड़कर उम्मीद जगाने वाले अमित मिश्रा [4] और अपने टेस्ट करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाने वाले प्रवीण कुमार [26] आउट हुए।

धोनी और प्रवीण ने आठवें विकेट के लिये 84 रन की साझेदारी की। धोनी तीसरे सत्र के शुरू में तेजी से रन बनाने के प्रयास में पवेलियन लौटे, जिसके बाद भारतीय पारी सिमट गई।

भारत को उम्मीद थी कि सहवाग के आने से टीम को अच्छी शुरुआत मिलेगी, लेकिन वह पहली गेंद पर ही पवेलियन लौट गये। ब्राड की आफ स्टंप से बाहर की तरफ तेजी से निकलती शार्ट पिच गेंद को विकेटकीपर मैट प्रायर ने डाइव लगाकर कैच किया। अंपायर ने इंग्लैंड की अपील ठुकरा दी, लेकिन डीआरएस से साफ हो गया कि गेंद प्रायर के दस्तानों में पहुंचने से पहले सहवाग के दस्तानों को चूम लिया था।

द्रविड़ और गंभीर ने सहजता से पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन पहले बदलाव के रूप में आये ब्रेसनन ने इन दोनों की साझेदारी 51 रन तक ही चलने दी। ब्रेसनन की तेजी से स्विंग लेती गेंद गंभीर के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेटों में समा गयी। गंभीर ने अपनी पारी में 64 गेंद खेली और पांच चौके लगाये।

तेंदुलकर के आते ही स्ट्रास ने एंडरसन को गेंद सौंप दी, जिन्होंने इस बल्लेबाज को टेस्ट मैचों में छह बार आउट किया है। एंडरसन ने फिर से तेंदुलकर का 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक का इंतजार बढ़ा दिया। इस बार हालांकि उनकी भूमिका बदली हुई थी। गेंदबाज ब्राड थे, जिनकी स्विंग लेती गेंद से छेड़खानी करके तेंदुलकर ने स्लिप में एंडरसन को कैच थमा दिया।

द्रविड़ भी अच्छा खासा समय क्रीज पर बिताने के बाद लंच से ठीक पहले ब्रेसनन की गेंद पर बोल्ड हो गये। ब्रेसनन की सीधी गेंद द्रविड़ के बल्ले के बेहद करीब से होकर उनका आफ स्टंप उखाड़ गयी। रैना फिर से नाकाम रहे। वह एंडरसन की गेंद पर ड्राइव करना चाहते थे, लेकिन गेंद उनको चकमा देकर कोण लेती हुई विकेटों में घुस गयी।

लक्ष्मण फिर से अच्छे टच में दिख रहे थे। उन्होंने जिस ब्रेसनन पर आक्रामक रवैया अपना रखा था, आखिर में अपनी गलती से उसी गेंदबाज को जश्न मनाने का मौका दिया। यह कलात्मक बल्लेबाज लगातार तीसरे टेस्ट मैच में गेंद को पुल करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया। ब्रेसनन की गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लेकर लांग लेग पर ब्राड के सुरक्षित हाथों में चली गयी।

हरभजन सिंह की जगह टीम में लिये गये मिश्रा भी अधिक देर तक नहीं टिक सके। धोनी ने ऐसे में आक्रामक रवैया अपनाया और इस बीच एंडरसन, ब्रेसनन और ब्राड तीनों की गेंद पर छक्के भी जमाये। उन्होंने स्वान की गेंद पर कवर में चौका जड़कर श्रृंखला का अपना पहला और अपने टेस्ट करियर का 22वां अर्धशतक पूरा किया।

बेसनन की शार्ट पिच गेंद पर प्रवीण के आउट होने से धोनी के साथ उनकी साझेदारी टूटी। प्रवीण ने इस गेंद पर हुक करने की कोशिश की जो बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर के पास चली गयी। इंग्लैंड ने तब डीआरएस का सहारा लिया और हाट स्पाट से साफ हो गया कि गेंद ने बल्ले को स्पर्श किया था।

धोनी शुरू से ही अपने नैसर्गिक अंदाज में खेल रहे थे। उन्होंने ब्राड की गेंद पर कवर ड्राइव करने की कोशिश की, लेकिन वह उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में खड़े स्ट्रास के हाथों में चली गयी। एंडरसन ने इशांत शर्मा को आउट कर भारतीय पारी का अंत कर दिया।

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