बर्मिंघम, Hindi7.com ।। एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लैंड ने पहली पारी में 3 विकेट पर 456 रन बनाकर 232 रनों की भारी बढ़त लेने के साथ ही तीसरे टेस्ट पर अपना शिकंजा कस दिया है।

सलामी बल्लेबाज एलिस्टेयर कुक की जबर्दस्त बल्लेबाजी की बदौलत इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन ही 232 रनों की बढ़त हासिल करके भारत को बैकफुट पर धकेल दिया है। कुक ने एजबेस्टन में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 182 रन बना लिये हैं। कुक ने अपनी पारी में 339 गेंद खेलकर 26 चौके लगाये हैं। स्टंप उखड़ने के समय उनके साथ दूसरे छोर पर मोर्गन दो आसान जीवनदान मिलने के बाद 44 रन पर खेल रहे हैं।

श्रृंखला में 0-2 से पीछे चलने के कारण नंबर एक का ताज गंवाने की कगार पर खड़े भारत के लिये दूसरा दिन भी भयावह रहा। भारतीय टीम कल 224 रन पर सिमट गयी थी, जबकि इंग्लैंड ने अब तक कुल 372 रन बना लिये हैं। भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रहे और केवल तीन विकेट ही चटकाने में सफल हुए। इनमें से एक विकेट तो नो बॉल पर मिला। इसके अलावा भारतीय फिल्डरों ने तीन आसान कैच टपकाए।

स्ट्रास [87] शतक से चूक गये, लेकिन कुक और उनके बीच पहले विकेट के लिये 186 रन की साझेदारी ने इंग्लैंड के लिये मजबूत आधार रखा। इसके बाद उन्होंने इयान बेल [34] के साथ 66 रन और केविन पीटरसन [63] के साथ 122 रनों की साझेदारी की। मोर्गन और कुक के बीच दिन के खेल की समाप्ति तक 82 रन की साझेदारी हो चुकी है।

भारत को पहली सफलता लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने दिलायी, लेकिन तेज गेंदबाजों में केवल प्रवीण कुमार ही प्रभाव छोड़ पाये। उन्होंने बल्लेबाजों को परेशान किया और बेल और पीटरसन को पवेलियन भेजा। इशांत शर्मा और एस. श्रीसंत 100 से अधिक रन लुटा चुके हैं, लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला।

सुबह बारिश के कारण मैच आधा घंटा देरी से शुरू हुआ। इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के 84 रन से आगे खेलना शुरू किया। पहले सत्र में भारतीयों को कोई विकेट नहीं मिला। यह अलग बात है कि उसके बल्लेबाजों को सुबह रन बनाने में काफी दिक्कत हुई और पहले घंटे के 15 ओवर में केवल 21 रन ही बने। प्रवीण ने इस बीच लगातार चार ओवर मेडन भी किये। उन्होंने सुबह के सत्र में अपने सात ओवर में केवल दो रन दिये।

भारत को आखिर में 56वें ओवर की आखिरी गेंद पर वह बहुप्रतीक्षित सफलता मिली जिसकी उसे कल शाम से तलाश थी। मिश्रा की गेंद पर स्ट्रास ने स्वीप करने का प्रयास किया, लेकिन इस चक्कर में वह अपना लेग स्टंप खाली छोड़ बैठे। गेंद उनको गच्चा देकर लेग स्टंप पर लगी और भारतीयों को भी इसका पता कुछ देर से चला।

बाद में टीवी रीप्ले से लग रहा था कि मिश्रा का अगला पांव क्रीज से आगे पड़ा था और यह नो बॉल था, लेकिन तब तक स्ट्रास पवेलियन लौट चुके थे। उन्होंने अपनी पारी में 176 गेंद खेली और 13 चौके लगाये। वह पिछली 14 पारियों से शतक नहीं लगा पाये हैं।

पहले दो टेस्ट मैच में केवल 20 रन बनाने वाले कुक शुरू में सतर्कता दिखाने के बाद अच्छी लय में दिखे। उन्होंने प्रवीण की गेंद पर एक रन लेकर अपना 19वां शतक पूरा किया। इसके लिये उन्होंने 213 गेंद खेली और 14 चौके लगाये।

पिछले टेस्ट में शतक जड़ने वाले बेल ने भी इशांत शर्मा के ओवर में तीन चौके जड़कर विश्वसनीय शुरुआत की। इसके बाद श्रीसंत की बाहर जाती गेंद पर बेल के बल्ले का किनारा निकला और राहुल द्रविड़ की ओर गया, लेकिन द्रविड़ ने पहली स्लिप में बेहद आसान कैच टपका दिया। बेल उस समय 30 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर खेल रहे थे।

प्रवीण ने हालांकि बेहतरीन लेगकटर पर बेल का ऑफ स्टंप जड़ से उखाड़कर द्रविड़ को बड़ी राहत पहुंचायी। बेल उसे सीधे बल्ले से रक्षात्मक तरीके से खेलना चाहते थे, लेकिन वह पूरी तरह से चूक गये थे।

पीटरसन को शुरू में प्रवीण ने थोड़ा परेशान किया, लेकिन वह जल्द ही अपने आक्रामक अंदाज में आ गये। उन्होंने मिश्रा पर लांग ऑन पर छक्का भी जड़ा। भारत ने 80 ओवर के तुरंत बाद नयी गेंद ली, लेकिन इससे भी कोई असर नहीं पड़ा।

महेंद्र सिंह धोनी ने इशांत को नयी गेंद सौंपी, लेकिन पीटरसन ने उनके ओवर में तीन चौके जड़कर उन्हें आक्रमण से हटवा दिया। चाय के विश्राम के बाद पीटरसन पूरी तरह से हावी रहे। इस बीच श्रीसंत की गेंद पर भारत ने उनके खिलाफ विकेट के पीछे कैच के लिये डीआरएस का सहारा भी लिया, लेकिन गेंद तब उनके बल्ले नहीं पैड से लगकर गयी थी और अंपायर साइमन टफेल का फैसला ही सही साबित हुआ।

आखिर में बेल वाली कहानी दोहरायी गयी। पीटरसन बेपरवाह होकर आगे बढ़कर शॉट जमाने गये, लेकिन प्रवीण की सीधी गेंद पर वह चूक गये और पगबाधा की जोरदार अपील पर अंपायर स्टीव डेविस की उंगली उठ गयी। पीटरसन ने अपनी पारी में 78 गेंदों  का सामना किया और नौ चौके व एक छक्का लगाया।

नये बल्लेबाज मोर्गन ने जब प्रवीण पर दो चौके लगाये तो धोनी ने सुरेश रैना को गेंद थमा दी, जिन्होंने केवल 17 ओवर पुरानी गेंद से लगातार चार ओवर डाले। इस बीच दूसरे छोर पर गेंदबाजी का जिम्मा संभाल रहे ईशांत की गेंद पर श्रीसंत ने मोर्गन का कैच भी छोड़ा, जो तब 17 रन पर खेल रहे थे। इसके बाद पारी के आखिरी ओवर में द्रविड़ ने स्लिप में उनका आसान कैच टपका दिया। इस तरह से तीसरे टेस्ट का दूसरा दिन भी भारत के लिए किसी मनहूस दिन की तरह गुजरा।

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