दुबई ।। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने कहा है कि लंदन की अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में तीन पाकिस्तानी खिलाड़ियों को दोषी करार दिया जाना, इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त अन्य खिलाड़ियों के लिए एक चेतावनी है।

लोगार्ट ने आईसीसी मुख्यालय से मंगलवार रात बयान जारी कर कहा कि सलमान बट्ट और मोहम्मद आसिफ को दोषी करार दिया जाना और मोहम्मद आमिर द्वारा स्वयं को दोषी मान लेना इस वर्ष सुनवाई के लिए गठित स्वतंत्र भ्रष्टाचार निरोधी न्यायाधिकरण के निष्कर्षो के अनुरूप है।

इन तीनों खिलाड़ियों पर पिछले वर्ष (2010) लॉर्ड्स टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप था।

इसके बाद आईसीसी द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने उन्हें दोषी पाया और फरवरी में उन पर प्रतिबंध लगा दिया। बट्ट उस समय पाकिस्तान टीम के कप्तान थे। बट्ट को 10 वर्ष जबकि आसिफ और आमिर को क्रमश: सात और पांच वर्ष के लिए निलम्बित कर दिया गया।

लोगार्ट ने कहा, “यह स्पष्ट है कि इंग्लैंड की अदालत द्वारा इस बारे में सुनाए गए फैसले का खिलाड़ियों के निलम्बन की अवधि पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”

उन्होंने कहा, “हम आशा करते हैं कि इस फैसले को भविष्य में किसी भी कारण वश किसी भी व्यक्ति के किसी भी प्रकार की भ्रष्ट गतिविधि में लिप्त होने को लेकर एक चेतावनी के रूप में देखा जाएगा।”

इंग्लैंड की साउथवार्क क्राउन अदालत धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने और भ्रष्ट धन प्राप्त करने के दोषी होने पर जेल की सजा सुना सकती है।

उल्लेखनीय है कि लंदन की इस अदालत ने बट्ट को धोखाधड़ी की साजिश रचने और भ्रष्ट रूप से धन लेने तथा आसिफ को धोखाधड़ी के आरोप में दोषी करार दिया है। आमिर ने पहले ही इन आरोपों में अपनी गलती स्वीकार कर ली है।

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