कार्डिफ (इंग्लैंड) ।। समरसेट के साथ 15 जुलाई को खेले गए तीन दिवसीय अभ्यास मैच के साथ भारत का जो इंग्लैंड दौरा शुरू हुआ था, उसका समापन शुक्रवार को कार्डिफ के सोफिया गार्डन्स मैदान पर होगा। इस श्रृंखला में भारत ने अब तक एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं जीता है। इस जीत की उसे शुक्रवार को भी तलाश रहेगी क्योंकि यह उसके जख्मों पर मरहम का काम करेगी।

भारत ने इंग्लैंड दौरे पर चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला के अलावा एकमात्र ट्वेंटी-20 मैच, दो एकदिवसीय मैच और एक अभ्यास मैच गंवाया है। अब तक खेले गए नौ अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में से एक रद्द हुआ है और एक टाई हुआ है। बाकी के सात में भारतीय टीम को हार मिली है। इस लिहाज से कार्डिफ में भारतीय टीम के पास जीत हासिल कर यह संकेत देने का मौका है कि अगले महीने जब इंग्लिश टीम भारत दौरे पर जाएगी, तब वह उस पर जोरदार पलटवार करेगी।

यह मैच भारत के पूर्व कप्तान और उसके सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ के लिए खास होगा क्योंकि इसके माध्यम से द्रविड़ के अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय करियर पर विराम लग जाएगा। द्रविड़ ने दो वर्ष के अंतराल के बाद एकदिवसीय टीम में चुने जाने के बाद ही घोषणा कर दी थी कि इंग्लैंड के साथ खेले जाने वाले पांच मुकाबलों के साथ उनका एकदिवसीय करियर समाप्त हो जाएगा। द्रविड़ हालांकि टेस्ट टीम में बने रहेंगे।

कार्डिफ में क्या होगा, कहा नहीं जा सकता। लॉर्ड्स स्टेडियम में 11 सितम्बर को खेले गए चौथे एकदिवसीय मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजी में जो धार दिखी थी, वह अगर बरकरार रही तो भारतीय टीम बल्लेबाजों के दम पर जीत सकती है लेकिन लक्ष्य की रक्षा करने की बात आई तो फिर गेंदबाज काम खराब कर सकते हैं क्योकि लॉर्ड्स में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था।

दूसरी ओर, इंग्लिश टीम के लिए कोई चिंता की बात नहीं है। स्टुअर्ट ब्रॉड के चोट के कारण बाहर होने से बेशक उसे कुछ नुकसान हुआ है लेकिन इसकी अल्पकालिक भरपाई उसके मजबूत बेंच स्ट्रेंथ से हो जाएगी। बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण में इंग्लिश टीम भारत की तुलना में अब तक बीस रही है और जहां तक गेंदबाजी की बात है तो इस श्रृंखला के लिहाज से दोनों टीमों के बीच तुलना करना बेमानी होगा। अपने गेंदबाजों के दम पर इंग्लिश टीम ने टेस्ट श्रृंखला जीती और अब एकदिवसीय श्रृंखला में बढ़त बना चुकी है।

भारतीय टीम के हाथ से श्रृंखला जीतने का मौका निकल चुका है। ऐसे में उसके खिलाड़ी बिना किसी डर और भय के मैदान में उतरते हुए अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे। पार्थिव पटेल और अंजिक्य रेहाने ने काफी हद तक अच्छी शुरुआत की जिम्मेदारी निभाई है लेकिन मध्यक्रम बीते तीन मैचों में नाकाम रहा है। कप्तान धौनी और सुरेश रैना ने लॉर्ड्स में अपने बल्ले का जो जोर दिखाया था, उसे उन्हें जारी रखना होगा और साथ ही विराट कोहली को भी आगे बढ़कर टीम को मजबूती प्रदान करनी होगी। द्रविड़ पर अंतिम मैच में अच्छी पारी खेलने की जिम्मेदारी होगी और उनके साथ जीत के साथ उन्हें विदाई देना चाहेंगे।

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