नई दिल्ली ।। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने शुक्रवार को अपने पूर्व साथी विनोद काम्बली के उन दावों को सिरे से नकार दिया जिनमें उन्होंने कहा है कि कोलकाता में श्रीलंका के खिलाफ हुआ 1996 विश्व कप का सेमीफाइनल मुकाबला फिक्स था। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से कांग्रेस के सांसद अजहर ने कहा कि पहले गेंदबाजी करने का फैसला सम्मिलित था और टीम ने श्रीलंका के खिलाफ मिली उस हार की जिम्मेदारी ली थी।
वर्ष 2000 में हुए मैच फिक्सिंग के एक मामले में बीसीसीआई द्वारा आजीवन प्रतिबंधित किए गए अजहर ने कहा, ” टीम की बैठक में हमने यह फैसला किया था कि टॉस जीतने पर हम गेंदबाजी करेंगे। श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप मैच में 271 रन बनाने के बावजूद हम हार गए थे।”
“इसी को देखते हुए हमने सर्वसम्मति से ईडन गार्डन्स में क्षेत्ररक्षण का फैसला किया था। मेरे हिसाब से इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाकर काम्बली अपना हित साध रहे हैं। इस तरह की बात कहकर काम्बली ने अपना स्तर दिखा दिया है। काम्बली ने टीम को धोखा दिया है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मैच फिक्सिंग मामले में उनसे पूछताछ की थी तब सेमीफाइनल मुकाबले का जिक्र किया गया था? अजहर ने कहा, “मेरा मामला अभी भी उच्च न्यायालय में लम्बित है। जब मैं पाक-साफ घोषित हो जाऊंगा, तब लोगों को हकीकत का पता चल जाएगा। मैं इस तरह के आरोपों से घबराता नहीं।”
अजहर ने कहा कि उन्हें टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करने का अफसोस नहीं है। बकौल अजहर, “मैं अपने फैसले पर कभी पछताया नहीं। हमने मिलकर यह जिम्मेदारी उठाई थी। इसके बाद टीम ने इस हार की जिम्मेदारी ली थी। क्रिकेट में किसी की हार और किसी की जीत होती ही है।”
उल्लेखनीय है कि काम्बली ने गुरुवार को एक टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान यह कहा कि जब टीम बैठक में यह फैसला लिया गया था कि टॉस जीतने के बाद बल्लेबाली ली जाएगी, तब कप्तान ने गेंदबाजी का फैसला कैसे कर लिया। काम्बली के मुताबिक उनके लिहाज से सेमीफाइनल मुकाबले में कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई थी।
काम्बली के मुताबिक उस समय टीम के मैनेजर रहे पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर को इस बात की पूरी जानकारी है। अजीत ने हालांकि काम्बली के दावों का खंडन किया है। उनके अनुसार उस मैच में कोई गड़बड़ी नहीं हुई थी।
वाडेकर ने कहा, “मैं सोच भी नहीं सकता कि कोई उस मैच के बारे में इस तरह की बात कर सकता है। उस मैच के पाक-साफ होने को लेकर कोई संदेह नहीं है। हम दरअसल, विकेट को समझने में भूल कर बैठे थे। साथ ही हम क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान को हराने के बाद अतिआत्मविश्वास से भर गए थे।”
“काम्बली ने यह बात 15 साल बाद क्यों उठाई? अपने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान मैंने कई बार काम्बली के साथ रात का खाना खाया है। वह उस समय इस घटना का जिक्र कर सकते थे। अगर वह ऐसा करते तो निश्चित तौर पर मैं बोर्ड से इस मामले में जांच कराने का अनुरोध करता।”