नई दिल्ली ।। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर विनोद काम्बली द्वारा 1996 में कोलकाता में श्रीलंका के साथ खेले गए विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबले के फिक्स होने सम्बंधी दावे को एक तरफ जहां केंद्रीय खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अजय माकन का समर्थन मिला है वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इसे नकारते हुए जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया है।

खेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माकन ने शनिवार को कहा कि बीसीसीआई को काम्बली के दावों की जांच करानी चाहिए लेकिन बीसीसीआई का पक्ष रखते हुए उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि काम्बली के दावों में दम नहीं है, लिहाजा जांच का सवाल ही पैदा नहीं होता। 

माकन ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर बीसीसीआई इस मामले में पहल नहीं करेगी और जांच का आदेश नहीं देगी तो सरकार इस सम्बंध में हस्तक्षेप कर सकती है।

काम्बली ने एक टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि उनके लिहाज से विश्व कप सेमीफाइनल मुकाबला फिक्स था क्योंकि उस दौरान कई हैरतअंगेज फैसले लिए गए थे।

माकन ने कहा, “टीम में शामिल अगर कोई खिलाड़ी इस तरह के दावे करता है तो उसकी विस्तार से जांच होनी चाहिए। देशवासियों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उस दिन मैदान में क्या हुआ था।”

“खिलाड़ी द्वारा लगाए गए आरोप सही हों या गलत, देशवासियों को हकीकत जानने का अधिकार है। इस लिहाज से इस मामले को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए। अगर इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा मिलनी चाहिए।”

“बीसीसीआई को जल्द से जल्द जांच के आदेश देने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो खेल मंत्रालय इसे लेकर पहल करेगा और अपने स्तर पर जांच कराएगा।”

माकन के बयान के कुछ समय बाद बीसीसीआई ने साफ कर दिया कि काम्बली के दावों में बिल्कुल भी दम नहीं है। बीसीसीआई के मुताबिक वह काम्बली के दावों की जांच नहीं करा सकती।

शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “हम काम्बली के दावों को जरा भी महत्व नहीं दे रहे हैं। अगर कोई इंसान 15 वर्ष बाद जागता है और किसी पर कोई आरोप लगाता है तो उसे निश्चित तौर पर गम्भीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।”

इंडियन प्रीमियर लीग के प्रमुख शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई ने सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के खिलाफ हमेशा से कड़ी कार्रवाई की है और दोषियों को कभी भी बक्शा नहीं है।

बकौल शुक्ला, “कई क्रिकेट बोर्डो ने भ्रष्टाचार में लिप्त अपने खिलाड़ियों को समय-समय पर माफ किया है लेकिन हमने कभी भी इस सम्बंध में अपना रुख लचीला नहीं किया है।” 

काम्बली ने जो दावे किए हैं, उन्हें उस समय टीम के कप्तान और वर्तमान में कांग्रेस सांसद मोहम्मद अजहरूद्दीन, उस समय टीम के मैनेजर रहे पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर और सलामी बल्लेबाज संजय मांजरेकर नकार चुके हैं। 

इसके बावजूद काम्बली अपने बयान पर डटे हुए हैं। उनका यही कहना है कि पिच पर मौजूद होने के दौरान उन्हें किसी गड़बड़ी का आभास हुआ था क्योंकि भारतीय बल्लेबाज बड़े अजीबोगरीब अंदाज में अपना विकेट लुटा रहे थे।

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