लंदन ।। लंदन की एक अदालत ने स्पॉट-फिक्सिंग मामले में गुरुवार को पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सलमान बट्ट को 30 महीने, तेज गेंदबाजों मोहम्मद आसिफ को एक साल और मोहम्मद आमिर को छह माह जेल की सजा सुनाई।

लंदन की अदालत साउथवार्क क्राउन ने बट्ट के एजेंट और कथित सट्टेबाज मजहर मजीद को 32 महीने जेल की सजा सुनाई है।

अदालत ने बट्ट को धोखाधड़ी की साजिश रचने और भ्रष्ट रूप से धन लेने तथा आसिफ को धोखाधड़ी के आरोप में दोषी करार दिया। आमिर ने पहले ही इन आरोपों में अपनी गलती स्वीकार कर ली थी।

27 वर्षीय सलामी बल्लेबाज बट्ट और 28 वर्षीय गेंदबाज आसिफ ने साजिश के तहत धोखा देने और अवैध रूप से पैसे लेने की बात का खंडन किया था।

न्यायाधीश जेरेमी कुक ने कहा, ” बट्ट इस पूरे मामले के सूत्रधार थे।” मजीद पर फैसला सुनाते हुए कुक ने कहा, “आप और बट्ट फिक्सिंग का ताना-बाना बुनने वाले थे।”

कुक ने कहा, “आप सभी ने इस खेल की छवि को खराब की है। उचित इनाम, वेतन और पुरस्कार मिलने के बावजूद आपका मकसद लालच था। आप सबका अपराध इतना गम्भीर है कि इसके लिए कारावास ही पर्याप्त होगा।”

मजीद को उसकी सजा सुनाने के बाद कुक, बट्ट की ओर गए और उन्होंने बट्ट से कहा, “मुझे स्पष्ट हो गया है कि आप इस गतिविधि के सूत्रधार थे।”

कुक ने कहा कि बट्ट इससे पहले भी स्पॉट-फिक्सिंग में लिप्त रहे हैं लेकिन उन्हें सजा केवल लॉर्ड्स टेस्ट के लिए मिली है।

बट्ट को सजा सुनाने के बाद कुक ने कहा, “आप ने एक भद्दा काम किया है।” उन्होंने आमिर से कहा कि आपने अपनी गलती स्वीकार कर अच्छा किया है। कुक ने आमिर से कहा, “यह साहस है। आप एक गांव से आए हैं जहां जिंदगी कठिन होती है। आप केवल 18 वर्ष के हैं।”

मजीद ने दावा किया था कि उसने आमिर को 2,500 पाउंड्स, बट्ट को 10,000 पाउंड्स और आसिफ को 65,000 पाउंड्स दिए थे।

इन तीनों खिलाड़ियों को इस मामले में आए खर्च का मुआवजा भी देना होगा। अदालत ने बट्ट को 30,937 पाउंड्स जबकि आसिफ और आमिर को क्रमश: 8,120 पाउंड्स तथा 9,389 पाउंड्स मुआवजा देने को कहा है।

इन तीनों खिलाड़ियों पर पिछले वर्ष (2010) लॉर्ड्स टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप था।

इसके बाद आईसीसी द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण ने उन्हें दोषी पाया और फरवरी में उन पर प्रतिबंध लगा दिया। बट्ट उस समय पाकिस्तान टीम के कप्तान थे। बट्ट को 10 वर्ष जबकि आसिफ और आमिर को क्रमश: सात और पांच वर्ष के लिए निलम्बित कर दिया गया।

इसके बाद लंदन की एक टेबलॉयड अखबार ‘न्यूज ऑफ द वर्ल्ड’ ने अपने एक स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया था कि बट्ट, आसिफ और आमिर ने गत वर्ष लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान जानबूझकर नो बॉल फेंकने के लिए कथित स्टोरिए मजहर मजीद से पैसे लिए थे। इसके बाद बट्ट, आसिफ और आमिर पर इस मामले में लंदन की अदालत में सुनवाई चल रही थी।

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