नई दिल्ली ।।  ‘मुल्तान के सुल्तान’ और ‘नजफगढ़ के नवाब’ के नाम से मशहूर विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के साथ ‘नौ’ का अजीबोगरीब खेल है। उनसे जुड़े सभी प्रमुख आंकड़ों ‘नौ’ मौजूद है। अंक ज्योतिष में विश्वास नहीं करने वाले भले ही इसका अलग-अलग गणितीय आंकलन करें लेकिन आंकड़े तो कम से कम यही बयां करते हैं। 

सहवाग ने गुरुवार को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैच में 219 रन बनाकर इतिहास रच डाला। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 149 गेंदों का सामना किया। मैच के दिन सहवाग 33 साल और 49 दिन के थे। बतौर गेंदबाज सहवाग ने एकदिवसीय मैचों में 92 विकेट ले चुके हैं। 

वर्ष 1999 में मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय करियर की शुरुआत करने वाले सहवाग ने टेस्ट मैचों में दो बार तिहरा शतक लगाया है। इनमें से एक 319 रनों की पारी थी तो दूसरी 309 रनों की। टेस्ट मैचों में उनका तीसरा सर्वोच्च स्कोर 293 रनों का है। 

सहवाग ने अपने करियर का पहला शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 69 गेंदों पर जड़ा था। वर्ष 2009 में उन्होंने 60 गेदों पर शतक जड़ा था, यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा एकदिवसीय मैच में सबसे तेजी से बनाया गया शतक है। वर्ष 2009 में ही सहवाग को ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन वर्ल्ड’ का ताज मिला। यह सम्मान पाने वाले सहवाग भारत के एक मात्र खिलाड़ी हैं।

सहवाग ने अब तक 92 टेस्ट मैच खेले हैं और उन्होंने 159 पारियों में 7,980 रन बनाते हुए 39 विकेट भी हासिल किए हैं। टेस्ट मैच में सहवाग क्रमश: 90, 99, 96 के तीन मौकों पर 90 और 100 रन के बीच आउट हुए हैं। वहीं, टेस्ट और एक दिवसीय मैचों में एक-एक बार वह 99 के फेर में भी फंसे हैं।

दक्षिण अफ्रीका में खेले गए अंडर-19 टूर्नामेंट ने सहवाग को पहली बार देश में एक पहचान दी। घरेलू क्रिकेट में सहवाग नॉर्थ जोन व दिल्ली के लिए खेलते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि वर्ष 1990 में क्रिकेट खेलने के दौरान सहवाग का दांत टूट गया था और इससे उनके पिता इतने घबरा गए थे कि उन्होंने सहवाग को क्रिकेट खेलने से मना कर दिया। शुक्र हो, सहवाग की मां का जिन्होंने सहवाग का खेलना जारी रखा।

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