नॉटिंघम, Hindi7.com ।। टिम ब्रेसनेन के आलराउंड खेल की बदौलत इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट के चौथे दिन भारत को 319 रनों से रौंदकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-0 की अपराजेय बढ़त बना ली है। टीम इंडिया के बल्लेबाज इंग्लिश गेंदबाजों के तेज और उछाल लेती गेंदों के आगे विवश नजर आए।

ब्रेसनेन ने 90 रन बनाने के अलावा अपने कैरियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 48 रन देकर पांच विकेट चटकाए, जिससे इंग्लैंड के 478 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया मात्र 158 रनों पर ढेर हो गई।

भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर [56] और हरभजन सिंह [46] ही कुछ संघर्ष कर सके। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी की। इनके अलावा केवल प्रवीण कुमार [25] ही दोहरे अंक तक पहुंच सके।

इंग्लैंड की ओर से जेम्स एंडरसन ने भी 51 रन पर तीन और स्टुअर्ट ब्राड ने 30 रन पर दो विकेट लिये। रनों के लिहाज से यह इंग्लैंड के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी, जबकि कुल तीसरी सबसे बड़ी हार है। इससे पहले इंग्लैंड ने जुलाई 1990 में लार्ड्स में भारत को 247 रनों से हराया था।

इससे पहले भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। ब्राड ने लंच से ठीक पहले राहुल द्रविड़ [6] को पारी के चौथे ओवर में विकेटकीपर प्रायर के हाथों कैच करा दिया। टीम ने ब्रेक के बाद दूसरे ओवर में ही वीवीएस लक्ष्मण [4] का विकेट गंवा दिया। संकटमोचक लक्ष्मण एंडरसन की सीधी और नीची रहती गेंद को खेलने से चूक गये और बाकी का काम गेंद ने कर दिया।

ब्रेसनेन ने इसके बाद लगातार ओवरों में सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद [3] और सुरेश रैना [1] को पवेलियन भेजा। ब्रेसनेन की बाउंसर से छेड़छाड़ की कोशिश में मुकुंद ने पहली स्लिप में इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रास को कैच थमाया, जबकि रैना इस तेज गेंदबाज को पुल करने की कोशिश में फाइन लेग पर स्थानापन्न खिलाड़ी स्काट एलस्टोन को कैच दे बैठे।

सौवें अंतर्राष्ट्रीय शतक की दहलीज पर खड़े तेंदुलकर ने एंडरसन को निशाना बनाते हुए उन पर चार चौके मारे, जबकि ब्रॉड की गेंद पर भी चार रन बटोरे। युवराज सिंह [8] को शार्ट पिच गेंदों के सामने काफी परेशानी हो रही थी। आखिरकार ब्रेसनेन ने युवराज को एलिस्टेयर कुक के हाथों लेग स्लिप में कैच करा दिया। ब्रेसनेन ने अगली गेंद पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी पगबाधा आउट कर दिया, लेकिन हरभजन ने उनकी हैट्रिक गेंद पर चौका जड़ दिया।

तेंदुलकर ने चाय विश्राम के बाद केविन पीटरसन पर चौके के साथ शुरुआत की, जबकि ग्रीम स्वान की गेंद को भी चार रन के लिए भेजा। हरभजन ने भी स्वान की लगातार गेंद पर छक्का और चौका जड़ा। तेंदुलकर ने एंडरसन पर चौके के साथ 79 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। एंडरसन ने अपने अगले ओवर में तेंदुलकर की पारी का अंतर कर दिया।

स्टार बल्लेबाज सचिन एंडरसन की एक सीधी रहती गेंद को खेलने से पूरी तरह चूक गये और गेंद उनके पैड से जा टकराई, अंपायर इरासमस ने झट से अंगुली उठा दी। उन्होंने 86 गेंदों का सामना किया और आठ चौके जड़े।

हरभजन ने ब्रेसनेन के अगले ओवर में चार चौके मारे। एंडरसन की गेंद पर प्रवीण कुमार  उस वक्त आउट होते-होते बचे, जब एलस्टोन ने स्क्वायर लेग पर उनका आसान कैच टपका दिया। एलस्टोन ने अगले ही ओवर में ब्रेसनेन की गेंद पर फाइन लेग पर हरभजन का कैच लपककर अपनी गलती की भरपाई की। हरभजन ने 44 गेंदों का सामना किया और आठ चौके सहित एक छक्का भी जरा।

एंडरसन ने इसके बाद प्रवीण को बोल्ड करके भारत को नौवां झटका दिया। उन्होंने 25 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके मारे। ब्राड ने एस श्रीसंत [0] को बोल्ड करके इंग्लैंड को जीत दिलाई।

इससे पहले ब्रेसनेन ने मैट प्रायर [73] के साथ सातवें विकेट के लिए 20 ओवर में 119 जबकि ब्राड [44] के साथ सिर्फ 13 ओवर में 82 रनों की साझेदारी की। इन साझेदारियों की बदौलत इंग्लैंड दूसरी पारी में 544 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहा।

प्रवीण कुमार भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 124 रन देकर चार विकेट हासिल किए। इंग्लैंड ने पहली पारी में 221 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारत ने 288 रन का स्कोर खड़ा किया था।

इंग्लैंड को भारत को पछाड़कर दुनिया की नंबर एक टीम बनने के लिए मौजूदा सीरीज 2-0, 3-1 या इससे बेहतर अंतर से जीतनी होगी और मेजबान टीम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मजबूती से कदम बढ़ा रही है।

स्टुअर्ट ब्राड को उनके शानदार खेल के लिए “मैन ऑफ द” मैच घोषित किया गया। ब्राड ने पहली पारी में शानदार 64 और दूसरी पारी में 44 रन बनाए थे, वहीं गेंद से कमाल दिखाते हुए ब्राड ने इस मैच में हैट्रिक सहित कुल आठ चटकाए। 

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