लंदन ।। इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे ओवल टेस्ट के चौथे दिन भारत पर हार का खतरा मंडराने लगा है। भारत चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन दूसरी पारी में 129 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ वाइटवाश से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है।

भारत को 4-0 की शिकस्त से बचाने का दारोमदार अब काफी हद तक मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पर है, जो दिन का खेल खत्म होने पर 35 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। दूसरे छोर पर अमित मिश्रा आठ रन बनाकर उनका साथ निभा रहे हैं। तेंदुलकर ने अब तक अपनी पारी में 51 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके जड़े हैं।

भारत को अब भी पारी की हार से बचने के लिए 163 रनों की दरकार है, जबकि उसके सात विकेट शेष हैं। इंग्लैंड ने पहली पारी छह विकेट पर 591 रन बनाकर घोषित की थी जिसके जवाब में भारत पहली पारी में द्रविड़ [नाबाद 146] के शतक के बावजूद 300 रन ही बना सका और उसे फालोआन के लिए मजबूर होना पड़ा।

नियमित सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के अस्वस्थ होने के कारण पारी का आगाज करने उतरे द्रविड़ ने अपनी पारी के दौरान 266 गेंद का सामना करते हुए 20 चौके मारे और इस दौरान अपने कैरियर का 35वां और श्रृंखला का तीसरा टेस्ट शतक जड़ा। उनकी पारी की मदद से टीम इंडिया मौजूदा श्रृंखला की सात पारियों में पहली बार 300 रन का आंकड़ा छूने में सफल रही।

द्रविड़ इसके साथ ही पारी की शुरूआत करने के बाद नाबाद लौटने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने। इससे पहले वीरेंद्र सहवाग और सुनील गावस्कर यह कारनामा कर चुके हैं।

दूसरी पारी में वीरेंद्र सहवाग और द्रविड़ ने पहले विकेट के लिए 49 रन जोड़कर भारत को सधी हुई शुरूआत दिलाई। द्रविड़ को पारी के सातवें ओवर में ही स्वान की गेंद पर अंपायर ने कैच आउट दे दिया। इस भारतीय बल्लेबाज ने हालांकि डीआरएस का सहारा लिया और टीवी अंपायर ने उन्हें नाट आउट करार दिया। द्रविड़ हालांकि 13 रन बनाने के बाद स्वान का ही शिकार बने और इस बार इंग्लैंड टीम ने डीआरएस का सहारा लिया और टीवी अंपायर ने उन्हें कैच आउट करार दिया।

वीरेंद्र सहवाग [33] ने भी जेम्स एंडरसन पर तीन चौके जड़ने के बाद स्वान की गेंद को भी चार रन के लिए भेजा, लेकिन इस ऑफ स्पिनर की तेजी से स्पिन होती गेंद को विकेटों पर खेलकर वह पवेलियन लौट गये और अपने टीम को संकट में डाल दिया।

वीवीएस लक्ष्मण [24] और तेंदुलकर ने तीसरे विकेट के लिए 54 रन जोड़कर पारी को संभालने की कोशिश की। तेंदुलकर ने स्वान की गेंद पर चौके के साथ खाता खोला, जबकि लक्ष्मण ने इस ऑफ स्पिनर पर लगातार तीन चौके जड़े। लक्ष्मण अगले ओवर में भाग्यशाली रहे, जब एंडरसन की गेंद पर एंड्रयू स्ट्रास ने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया। वह हालांकि इसका फायदा नहीं उठा पाये और एंडरसन की सीधी गेंद को खेलने से चूक कर बोल्ड हो गये। तेंदुलकर ने नाइट वाचमैन मिश्रा के साथ मिलकर भारत को और झटका नहीं लगने दिया।

इससे पहले द्रविड़ ने पहली पारी में मिश्रा [43] के साथ सातवें विकेट के लिए 87, गौतम गंभीर [10)] के साथ आठवें विकेट के लिए 40 और आर.पी. सिंह [25] के साथ नौवें विकेट के लिए 36 रन जोड़े, लेकिन टीम को फालोआन से नहीं बचा सके।

आज सुबह पांच विकेट पर 103 रन से आगे खेलने उतरे भारत की शुरूआत अच्छी नहीं रही। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी [17] अपने कल के स्कोर में केवल 12 रन और जोड़कर एंडरसन के आउट स्विंगर का शिकार बन गये। विकेट कीपर मैट प्रायर ने धोनी का कैच पकड़ा।

द्रविड़ ने इंग्लैंड के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। उन्हें मिश्रा के रूप में अच्छा जोड़ीदार मिला। द्रविड़ ने ब्राड के ओवर में दो चौके जड़ने के बाद एंडरसन की गेंद पर भी चौका जड़ा। दायें हाथ का यह बल्लेबाज स्वान के ओवर में तीन चौकों के साथ शतक के करीब पहुंचा और फिर अपने टेस्ट करियर का 35वां शतक पूरा किया।

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