इंदौर ।। विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (219) की आतिशी पारी की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने होल्कर स्टेडियम में गुरुवार को जारी चौथे एकदिवसीय मुकाबले में वेस्टइंडीज के सामने 419 रनों का लक्ष्य रखा है।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने एकदिवसीय इतिहास का दूसरा दोहरा शतक लगाने वाले सहवाग की ऐतिहासिक पारी की बदौलत 50 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 418 रन बनाए। 

एकदिवसीय मैचों में भारत का यह अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। भारतीय टीम ने इससे पहले 2009 में राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ सात विकेट पर 414 रन बनाए थे। भारतीय टीम एकदिवसीय मैचों में अब तक सर्वाधिक चार बार 400 रनों का आंकड़ा पार कर चुकी है।

सहवाग के अलावा गौतम गम्भीर ने 67 और सुरेश रैना ने 55 रनों का योगदान दिया। सहवाग ने अपनी 149 गेंदों की पारी में 25 चौके और सात छक्के लगाए। उन्होंने ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 200 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले सचिन तेंदुलकर का सर्वोच्च व्यक्तिगत योग का रिकार्ड ध्वस्त किया।

भारतीय क्रिकेट टीम के कार्यवाहक कप्तान और विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं।

इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ष 2010 में 200 रनों की नाबाद पारी खेली थी। सहवाग ने गुरुवार को होल्कर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के साथ जारी चौथे एकदिवसीय मुकाबले में 140 गेंदों पर 23 चौकों और छह छक्कों की मदद से 201 रन बनाए हैं। इससे पहले सहवाग ने 69 गेंदों पर 10 चौकों और पांच छक्कों की मदद से अपने करियर का 15वां शतक पूरा किया था। सहवाग ने सबसे तेजी से 200 रन पूरे किए।

सहवाग विश्व क्रिकेट के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में तिहरा शतक और एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक लगाया है। सहवाग टेस्ट मैचों में दो बार (319 और 309) तिहरा शतक लगा चुके हैं।

सचिन ने 24 फरवरी, 2010 को ग्वालियर के कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 147 गेंदों पर 25 चौकों और तीन छक्कों की सहयता से 200 रनों की नाबाद पारी खेली थी। इस पारी के साथ वह एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार 200 रनों का आंकड़ा पार करने वाले खिलाड़ी बने थे।

सहवाग ने इससे पहले 19 फरवरी, 2011 को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के उद्घाटन मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ 140 गेंदों पर 175 रनों की अपनी सर्वोच्च पारी खेली थी। इसके बाद वह 13 मैचों में 10 मैचों में सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके थे। 

सहवाग ने नागपुर में विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 73 रनों की पारी खेली थी। वेस्टइंडीज के साथ जारी पांच मैचों की श्रृंखला में सहवाग का बल्ला पहली बार खुलकर बोला है। वह कटक में 20 रन बना सके थे जबकि विशाखापट्टनम में उनके बल्ले से 26 रन निकले थे। अहमदाबाद में वह खाता भी नहीं खोल सके थे।

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