नई दिल्ली, Hindi7.com ।। भाजपा ने दारूल उलूम के उप कुलपति गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को बर्खास्त किए जाने पर कहा है कि “यह धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए निराशाजनक है।” पार्टी की ओर से कहा गया कि वस्तानवी को सच बोलने के कारण सजा दी गई है।
गौरतलब है कि वस्तानवी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में हुए अल्पसंख्यक विकास कार्यों की तारीफ करते हुए कहा था कि गुजरात के मुसलमान देश के अन्य मुसलमानों से कहीं अधिक खुशहाल हैं।
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि “वस्तानवी को हटाया जाना सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के लिए निराशाजनक है। यद्यपि यह संगठन का आंतरिक मामला है, लेकिन इसके गंभीर निहितार्थ हैं, क्योंकि यह कार्रवाई गुजरात में विकास के मुद्दे के संदर्भ में की गई है।” यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें भ्रष्टाचार या अक्षमता या नैतिक भ्रष्टता के आरोप में नहीं, बल्कि सचाई बोलने के कारण हटाया गया है। यह एक हकीकत है कि मोदी के नेतृत्व में गुजरात का विकास हुआ है। वस्तानवी ने सिर्फ इतना ही कहा था कि मोदी के मुख्यमंत्रित्व में राज्य के चहुंमुखी विकास से गुजरात के अल्पसंख्यकों को लाभ हुआ है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस तथ्य का न तो योजना आयोग और न ही किसी आंकड़े और न ही गुजरात की जनता ने खंडन किया है, लेकिन सचाई को बयान करने के लिए वस्तानवी को प्रताड़ित किया जा रहा है।
दारुल उमूल देवबंद द्वारा वस्तानवी को बर्खास्त किए जाने का फैसला न सिर्फ भाजपा के लिए निराशाजनक है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए निराशाजनक है, जो महसूस करते हैं कि शिक्षा को राजनीति और धर्म से अलग रखा जाना चाहिए।
भाजपा के मुताबिक, दारुल उमूल देवबंद के उप कुलपति मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी को बर्खास्त करना देश के सामाजिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के लिए एक बड़ा झटका है। कोई इस बात को नकार नहीं सकता कि मोदी के नेतृत्व में गुजरात सर्वाधिक खुशहाल राज्यों में से एक के तौर पर उभरा है। आंकड़े इसके गवाह हैं।