नई दिल्ली ।। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कई मशहूर ब्रांड्स के लिए रैम्प पर जलवा बिखेर चुकीं मशहूर सुपरमॉडल उज्जवला राउत का कहना है कि भारतीय फैशन उद्योग उनका खर्च वहन नहीं कर सकता।

राउत ने कहा, “वे (भारतीय मॉडलिंग उद्योग) मेरा खर्च वहन नहीं कर सकते इसी वजह से मैं कम ही दिखती हूं। वैसे भी मेरा अधिकांश समय विज्ञापनों, पत्रिकाओं के कवर पेज के लिए शूटिंग करने में चला जाता है। “

उज्जवला उस समय चर्चित हुईं थी जब उन्हेंने वर्ष 1996 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में ‘फेमिना लुक ऑफ द इयर’ का खिताब जीता था। उस समय वह केवल 17 वर्ष की थीं।

उज्जवला कहती हैं, “मैं साधारण सी दिखती थी। इसलिए मैंने मॉडलिंग करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मेरी बड़ी बहन ने मुझे इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया। वह मधु सप्रे से बेहद प्रभावित थीं और उन्होंने मुझे उनका अनुसरण करने को कहा। इस तरह से मेरे मॉडलिंग करियर की शुरुआत हुई।”

उज्जवला विश्व की मशहूर फैशन पत्रिकाएं वोग, हॉपर्स बाजार एंड मैरी क्लेयर के कवर पेज पर भी जगह पा चुकी हैं। इसके अलावा वह मिलान, पेरिस और न्यूयार्क में फैशन कार्यक्रमों में रैंप पर उतर चुकी हैं।

यह दुर्भाग्य ही है कि प्रख्यात मॉडल मधु सप्रे, मिलिंद सोमेन और उनके बाद देश में कोई अच्छा सुपर मॉडल नही हैं। उज्जवाला इसके लिए बॉलिवुड को दोषी मानती हैं।

उज्जवला कहती हैं, “भारतीय फैशन उद्योग में किसी सुपरमॉडल के न होने की मुख्य वजह यह है कि यहां मॉडल के लिए किसी तरह का बेहतर विकल्प मौजूद नहीं है।”

उज्जवला ने कहा, “मैंने बॉलीवुड में कभी कोशिश नहीं की क्योंकि इसमें बहुत सारा समय और ध्यान देने की आवश्यकता होती है, जिसकी वजह से अन्य कार्यो पर ध्यान नहीं दिया जा सकता। भविष्य में मैं इस तरफ जरूर विचार करूंगी लेकिन अभी फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।”

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