सिडनी ।। कुछ ऊष्णकटिबंधीय मछलियों में समुद्री तापमान के अनुसार खुद को ढाल लेने की क्षमता है। इसलिए तापमान में वृद्धि से उनके जीवन को खतरा नहीं होगा। इसका खुलासा ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट से हुआ है।

यह खोज दुनियाभर में तापमान बढ़ने के कारण प्रवाल-भित्ति और मछलियों के भविष्य की लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आशा की किरण लेकर आया है। वैज्ञानिक जानना चाहते थे कि वर्ष 2050 और 2100 तक समुद्र के तापमान में सर्वाधिक वृद्धि से ये मछलियां किस तरह तालमेल बिठाएंगी।

शोध रिपोर्ट के सह-लेखक जेनिफर डॉनेलसन ने कहा, “जब हमने मछली को अपेक्षाकृत 1.5 तथा तीन डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान पर रखा तो उनकी गतिविधियों में सुस्ती देखी गई, जिसकी हमें पहले से ही उम्मीद थी। अधिक तापमान की वजह से उनकी तैरने और शिकारियों से बच निकलने की क्षमता प्रभावित हुई थी।”

‘एआरसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कोरल रीफ स्टडीज’ से जुड़े डॉनेलसन के मुताबिक, “हालांकि जब हमने मछली का कई पीढ़ियों तक प्रजनन करवाया तो पाया कि मछली की दूसरी पीढ़ी के बच्चे ऊंचे तापमान के साथ भी पूरी तरह अनुकूल हैं।”

एआरसी द्वारा जारी बयान में डॉनेलसन के हवाले से कहा गया है, “हम अचम्भित थे.. हैरान थे। इससे पता चला कि कुछ प्रजातियां जलवायु परिवर्तन से भी जल्दी उसके अनुकूल खुद को ढाल सकती हैं।”

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