मुम्बई ।। पूर्व के इंडियन एयरलाइंस से सम्बद्ध, इंडियन कॉमर्सियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) और पायलटों के एक अन्य संगठन, इंडियन पॉयलट गिल्ड (आईपीजी) के बीच बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को उड़ाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह विमान जल्द ही सेवा में शामिल होने वाला है।

आईसीपीए ने अपने प्रतिद्वंद्वी पायलट संगठन, आईपीजी द्वारा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ाने के मुद्दे पर दी गई हड़ताल की चेतावनी का विरोध किया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को यहां जाहिर की है।

1,400 सदस्यों वाले आईसीपीए के इस अधिकारी ने 300 संदस्य संख्या वाले आईपीजी के उस कदम पर सवाल खड़ा किया है जिसमें उसने कहा है कि यदि एयर इंडिया प्रबंधन ने आईसीपीए के पायलटों को ड्रीमलाइनर उड़ाने की अनुमति दी तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।

आईसीपीए ने अपने ही पायलट साथियों के साथ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने पर सवाल खड़ा किया है, क्योंकि आईपीजी को विदेशी पायलटों द्वारा विमान उड़ाने पर आपत्ति नहीं है।

आईसीपीए के एक अधिकारी ने सवालिया लहजे में कहा, “यह कैसे हो सकता है कि यदि आईसीपीए के पायलटों को उड़ान की अनुमति दी गई, तो आईपीजी के पायलटों का करियर प्रभावित होगा।”

आईसीपीए ने हर तरह के विमानों को उड़ाने को लेकर एकाधिकार की लगातार की जाने वाली मांग के लिए भी आईपीजी की कड़ी निंदा की है।

आईसीपीए के एक अधिकारी ने कहा, “अतीत में वे बोइंग 737, 777, 747, और एयरबस ए310 उड़ाना चाहते थे, और अब वे अपने लिए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर चाहते हैं। यह बेतुका है।”

अधिकारी ने कहा कि दोनों संगठनों से सम्बद्ध पायलों के बीच वेतन विसंगति भी विवाद का एक कारण है।

अधिकारी ने कहा कि जहां आईपीजी के कुछ पायलटों को घर बैठे रहने के बावजूद वेतन मिलता है, वहीं आईसीपीए के पायलट चौबीस घंटे काम करते हैं और उन्हें उनकी बनिस्बत आधा वेतन मिलता है, जबकि वे सिंगापुर, बैंकाक, लंदन, व मध्य पूर्व जैसे समान गंतव्यों के लिए उड़ान भरते हैं।

 

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