औरंगाबाद (महाराष्ट्र) ।। औरंगाबाद के युवा तबलावादक शरद आर. दांडगे का नाम वर्ष 2011 के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। इसके पहले 2010 में शरद का नाम लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज हुआ था।

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से प्रदान किए गए प्रमाण पत्र में कहा गया है कि शरद ने चार मिनट 47 सेकंड में तबले पर 24 वाद्य यंत्रों की ध्वनि निकाली। इनमें 19 भारतीय रिदम व पांच पाश्चात्य रिदम की ध्वनियां शामिल थीं।

शरद (39) ने जिन वाद्य यंत्रों की ध्वनि तबले पर बजाई, उनमें तबला, पखावज, कांगो, बांगो, ढोलक, महाराष्ट्रियन ढोलकी, खंझड़ी, डफ, महाराष्ट्रियन सम्बल, असम की बिहू ढोल, केरल की चांदा, राजस्थानी नगाड़ा, पंजाबी भांगड़ा ढोल, गुजरात का कच्छी ढोल, पश्चिम बंगाल का ढाक, गढ़वाल का ढोल, जम्बे और स्नीयर ड्रम शामिल हैं।

ज्ञात हो कि शरद ने तबला वादन की शिक्षा-दीक्षा बनारस घराने के चर्चित तबला वादक दिवंगत पं. प्रकाश महराज से ली है।

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