कोलकाता ।। कोलकाता के सुशांता चटर्जी के भीतर संगीत और इतिहास के प्रति ऐसा जुनून जागा कि उन्होंने ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स जमा करने शुरू कर दिए और आज उनके पास 8,000 से अधिक ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स का दुर्लभ खजाना है। इनमें न केवल गीत, बल्कि दुर्लभ भाषणों व नाटकों के भी रिकॉर्ड्स हैं।

चटर्जी (60) कहते हैं कि उनके भीतर देर से यह जुनून जागा। फिर भी उनके संग्रह में एल.सी. बोरल और कानन देवी के साथ ही हेमंत कुमार के पहले एल्बम व सुभाष चंद्र बोस के भाषण जैसे दुर्लभ नमूने मौजूद हैं।

चटर्जी ने आईएएनएस से कहा, “मुझे रिकॉर्ड्स का शौक तो हमेशा से था, लेकिन संग्रह करने का काम मैंने 30 वर्ष की उम्र के बाद ही शुरू किया। बचपन से ही मैं हर ‘पूजा’ पर हेमंत कुमार का एक रिकॉर्ड खरीदता था, इसके अलावा मुझे कुछ रिकॉर्ड्स पिताजी से विरासत में मिल गए थे।”

चटर्जी, राज्य विद्युत विभाग में मीटर जांचकर्ता के रूप में काम करते थे, और उनकी यह नौकरी उनके शौक में मददगार साबित हुई।

चटर्जी ने कहा, “जब भी मीटर की जांच के लिए हम घरों में जाते थे, वहां बुजुर्गो से संगीत के बारे में बात करते और उनसे पूछते कि क्या वे ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं जिसके पास ये रिकॉर्ड्स हों। छुट्टी के दिन भी मैं रिकॉर्ड्स की तलाश में शहर में घूमता रहता।”

इस तरह हरेक रिकॉर्ड्स के हासिल करने के पीछे उनके पास एक रोचक कहानी है। उन्होंने कहा, “मैं आपको एक मजेदार कहानी सुनाता हूं।”

चटर्जी ने बताया, “हेमंत कुमार के पहले एल्बम की तलाश में मैंने कई दुकानों के चक्कर लगाए और कई लोगों से बात की, लेकिन सब बेकार साबित हुआ। मेरे दिमाग में रिकॉर्ड संख्या- जी2464 हमेशा घुमड़ती रहती थी।”

चटर्जी ने आगे कहा, “एक घर में मीटर के नीचे मैंने गत्ते का एक डिब्बा पड़ा हुआ देखा। उसमें दीमक और तिलचट्टे लगे हुए थे। मैं जिज्ञासावश उसके पास गया और डिब्बे को खोला। उसमें 10 रिकॉर्ड्स रखे हुए थे। ज्यादातर दीमक के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे। सिर्फ एक रिकॉर्ड सुरक्षित था, और वह था जी2464।”

चटर्जी ने बताया कि मनमथनाथ चटर्जी के दो रिकॉर्ड हासिल करने के लिए उनके पोते की उन्हें किस तरह और कितनी चापलूसी करनी पड़ी थी। उस समय मनमथनाथ चटर्जी कोलकाता के एकमात्र वीणा वादक थे। ये दोनों रिकॉर्ड 1905 में तैयार हुए थे।

चटर्जी बड़े गर्व के साथ 1950 में तैयार किया हुआ लिप्टन चाय के विज्ञापन के एक जिंगल का रिकॉर्ड दिखाते हैं। इसे संगीतकार सलिल चौधरी ने संगीतबद्ध किया था। रिकॉर्ड पर चस्पा लेबल ऑस्कर विजेता सत्यजित रे ने डिजाइन किया था। रे उन दिनों एक विज्ञापन एजेंसी में काम करते थे।

चटर्जी के दुर्लभ संग्रह में ‘हाउ टू स्पीक इन इंगलिश’ पर जी.बी. शा का रिकॉर्ड, कौकफ खान का 1910 में सरोद वादन, सरोजिनी नायडू की कविताओं के पाठ की एक विशेष श्रृंखला, आजाद हिंद की अस्थायी सरकार का लेफ्टिनेंट राम सिंह ठाकुर के स्वर में राष्ट्रगान, जैसे रिकॉर्ड शामिल हैं।

चटर्जी के पास सुभाष चंद्र बोस द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बंगाली में दिए गए भाषण का एक रिकॉर्ड भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा, “यद्यपि मैं इसका दावा नहीं करता, लेकिन शायद अपनी तरह का यह एक मात्र रिकॉर्ड है। मैंने यह बात कभी नहीं सुनी कि किसी अन्य संग्रहकर्ता के पास इसकी कोई प्रति हो।”

 

 

 

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