लंदन ।। विश्व में मांस की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए नीदरलैंड के एक वैज्ञानिक वैकल्पिक तौर पर प्रयोगशाला में ‘संवर्धित मांस’ विकसित करने की दिशा में सोच रहे हैं।

समाचार चैनल ‘स्काई न्यूज’ की रपट के मुताबिक मास्ट्रिच विश्वविद्यालय में जीवविज्ञानी मार्क पोस्ट ने कहा कि वह पेट्री डिश (बैक्टीरियायुक्त एक प्रकार की थाली ) में 3,000 मांस की पट्टियों को विकसित करेंगे। इसके बाद इसे प्रयोगशाला में विकसित किए गए वसा के साथ मिलाकर डिब्बाबंद कर दिया जाएगा।

प्रयोगशाला में विकसित किए गए संवर्धित मांस में रक्त नहीं रहेगा और दिखने में यह हल्के पीले रंग जैसा होगा। अंतिम उत्पाद की कीमत कम से कम दो लाख पाउंड (करीब 315,660 डॉलर) हो सकती है।

उन्होंने कहा, “पहले प्रयोग के तौर पर मांस का एक टुकड़ा शिक्षण संस्थान के उच्च प्रशिक्षित शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया जाएगा। इसे गहन प्रक्रिया के साथ हाथ से बनाया जाएगा इसलिए इसकी उत्पादन लागत अधिक होगी।”

इस तरह के मांस का उत्पादन बूचड़खानों से ली गईं स्टेम कोशिकाओं के माध्यम से किया जाएगा। शर्करा, प्रोटीन, वसा, खनिज पदार्थ और अन्य तरह के पोषक तत्वों के घोल में इसे विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “वर्तमान समय में मवेशियों से उत्पादित होने वाला मांस से भविष्य की जरूरतें पूरी नहीं की जा सकती हैं। यह न तो पारिस्थितिकी की दृष्टि से और न ही मात्रा के लिहाज से ऐसा किया जा सकता है। अभी हम अपनी 50 प्रतिशत से अधिक कृषियोग्य भूमि इन मवेशियों के लिए इस्तेमाल करते हैं।”

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