नई दिल्ली, Hindi7.com ।। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले हजारों परिवारों के लिए अस्थायी रोजगार के रूप में ढ़ेरों खुशियां लेकर आता है।

राजधानी के प्रमुख बाजारों जैसे सदर बाजार, चांदनी चौक, करोल बाग, सरोजनी नगर, लाजपत नगर आदि में बड़ी दुकानों पर राखियों की धड़ले से बिक्री हो रही है। इसके अलावा रेल की पटरियों और फुटपाथों पर राखी की दुकानें सजने लगी हैं। ये लोग अपने घर पर ही राखियां बनाते हैं। वास्तव में ये वे लोग हैं, जिनको बेसब्री से राखी का इंतजार रहता है, क्योंकि इस त्योहार से इनके लिए कई महीनों की रोटी का जुगाड़ हो जाता है।

राजधानी के नेब सराय, रैगरपुरा, जमुनापार और यहां तक की गुड़गांव आदि के के लोग भी इस अस्थायी रोजगार में बड़ी संख्या में लगे हैं। ये लोग सदर बाजार में पटरी पर दुकान सजाकर राखियों का कारोबार करते हैं। मां-बाप, पति-पत्नी से लेकर बच्चे तक इस काम में लगे रहते हैं।

इस रोजगार में लगे लोग विभिन्न स्थानों से राखी बनाने का सामान जैसे धागा, खिलौने, थर्मोकोल, स्टोन आदि थोक भाव से खरीदते हैं, और फिर पूरा परिवार रंग-बिरंगी खूबसूरत राखियां बनाने में जुट जाता है।

सदर बाजार में 100 से ज्यादा बड़ी दुकानों पर राखियों का कारोबार होता है, लेकिन पटरियों पर राखियां बेचने वालों की संख्या दो हजार से भी अधिक है। व्यापारियों के मुताबिक, दिल्ली के आसपास के इलाकों का खरीदार सुबह-सुबह ही बाजार आ जाता है और दोपहर होते-होते वापस लौट जाता है। ऐसे में पटरी पर राखियों का कारोबार सुबह पांच बजे से ही शुरू हो जाता है।

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