अहमदाबाद ।। गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व मंत्री हरेन पंड्या हत्याकांड में 12 आरोपियों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया, जबकि आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य आरोप बनाए रखे।

भारतीय जनता पार्टी के नेता पंड्या की हत्या के मामले में निचली अदालत ने उक्त 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था। लेकिन आरोपियों की अपील पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने उन्हें हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया।

इस मामले की सुनवाई करीब एक महीने तक चली। न्यायमूर्ति डी. एच. वाघेला और न्यायमूर्ति जे. सी. उपाध्याय की खंडपीठ ने 12 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

उच्च न्यायालय ने हालांकि अरोपियों के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अधिनियम (पोटा), भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (हत्या का प्रयास) और सेक्शन 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप बरकरार रखे।

गुजरात के पूर्व गृह मंत्री पंड्या की 26 मार्च 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। परिवार के सदस्यों ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था। मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस सिलसिले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि 19 को आरोपी बनाया गया था।

पोटा की विशेष अदालत ने 25 जून 2007 को इस मामले में 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था। उनमें से नौ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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