माना जाता है कि त्रेतायुग में भगवान विष्‍णु के अवतार श्री राम की सहायता और भक्‍तों के कष्‍टों को हरने के लिए भगवान के रुद्र अवतार ने वानर जाति में हनुमान जी के रूप में जन्‍म लिया था। भगवान शिव के सभी अवतारों में हनुमान जी के रूप को सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है।

रामायण काल में जब भी श्रीराम, लक्ष्‍मण जी और माता सीता पर कोई कष्‍ट या संकट आया तो वो हनुमान जी ही थे जिन्‍होंने अपनी बुद्धि और पराक्रम से उस संकट को दूर कर दिया। स्‍वयं श्रीराम ने भी इस बात को स्‍वीकार किया था कि हनुमान जी की सहायता के बिना वो रावण पर विजय नहीं पा सकते थे।

सिर्फ हनुमान जी ही कर सकते थे ये 5 काम

इस बार 31 मार्च, 2018 को शनिवार के दिन हनुमान जयंती का पर्व है और इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि हनुमान जी द्वारा किए गए कुछ ऐसे कामों के बारे में जिन्‍हें उनके अलावा और कोई नहीं कर सकता था।

#1 राक्षसों से युद्ध

Picture credit : Online Gallery

रामायणकाल के दौरान हनुमान जी ने कई राक्षसों का वध किया था और रावण से भी उन्‍हें युद्ध करना पड़ा था। हनुमान जी ने धूम्राक्ष, अकंपन, देवांतक, त्रिशिरा, निकुंभ जैसे भयंकर राक्षसों का वध किया था।

#2 समुद्र पार करना

Picture credit : Journal Edge

जब माता सीता की खोज के लिए हनुमान जी अंगद, जामवंत आदि के साथ समुद्र तट पर पहुंचे तो 100 योजन विशाल समुद्र को देखकर संकट में पड़ गए। पूरी वानर सेना में से सिर्फ हनुमान जी में ही इतना पराक्रम और बल था जो इस सागर को पार कर माता सीता की खोज कर सकते थे। हनुमान जी ने 100 योजन विशाल समुद्र को एक ही छलांग में पार कर लिया था।

#3 माता सीता का लगाया पता

Picture credit : WIKIMEDIA COMMONS

माता सीता की खोज के दौरान हनुमान जी को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्‍हें लंका में प्रवेश से पहले लंकिनी नामक राक्षसी का वध करना पड़ा। हनुमान जी ने बड़ी सहजता से माता सीता की खोज कर श्रीराम को इसकी सूचना दी।

#4 रावण के पुत्र का वध

Picture Credit : WIKIMEDIA COMMONS

रावण के पुत्र अक्षय कुमार का वध करना किसी के वश की बात नहीं थी। ये कार्य स्‍वयं शेर के मुंह में हाथ देने के समान था किंतु हनुमान जी तो स्‍वयं शिव के अवतार थे, तो भला उन्‍हें किसका भय। शत्रु की शक्‍ति का अंदाजा लगाने के लिए हनुमान जी ने अशोक वाटिका में उत्‍पात मचा दिया। सैनिकों के साथ-साथ हनुमान जी ने रावध के पुत्र अक्षय कुमार का भी वध कर दिया। लंका में अग्नि की ज्‍वाला भड़का कर हनुमान जी माता सीता की खबर लेकर श्रीराम के पास रवाना हो गए।

#5 विभीषण को प्रभावित करना

Picture credit : WIKIPEDIA

रावण के भाई विभीषण सतपुरुष थे और वे अपने भाई के विरूद्ध नहीं जा सकते थे किंतु हनुमान जी ने उन्‍हें भी भगवान राम की सहायता करने के लिए मना लिया। अंत में विभीषण के परामर्श से ही श्रीराम लंका पर विजय प्राप्‍त कर सके।

हिंदी जगत से जुड़ी ऐसी अनोखी जानकारी पाने के लिए like करें हमारा Facebook पेज

4.7/5 - (4 votes)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here