नई दिल्ली ।। रेणु शर्मा जब आईने में चेहरा देखतीं, तो उन्हें अपनी ही सूरत से डर लगने लगा। उनके चेहरे में लगातार बदलाव हो रहे थे। होंठ बड़े हो गए थे, आंखे बाहर की ओर निकल रही थीं और पूरा चेहरा विकृत हो गया था। अपनी इस समस्या को लेकर जब वह डॉक्टर के पास पहुंची और जांच कराई तो पता चला कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है।

शर्मा एक घरेलू महिला हैं। उन्होंने बताया कि मैंने जून में अपने चेहरे के आकार में बदलाव देखे। पहले मुझे लगा कि गर्मी की वजह से ऐसा है और मेरे दिमाग में सबसे पहले आया कि कॉस्मेटोलॉजिस्ट से जांच करा ली जाए।

तैंतीस वर्षीया शर्मा कहती हैं, “उन्होंने मुझे फिजीशियन के पास जाने की सलाह दी। मेरी एमआरआई जांच हुई।”

जांच में पता चला कि शर्मा के मस्तिष्क की पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर है।

न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार सुधीर त्यागी ने आईएएनएस को बताया, “इस ट्यूमर को पिट्यूटर एडीनोमा कहा जाता है। पिट्यूटर ग्रंथि में वृद्धि हार्मोन अधिक बनने से भौतिक आकार-प्रकार में बदलाव आने लगता है।”

पिट्यूटरी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन जैसे हार्मोनों के निर्माण व उनके स्रावण के लिए जिम्मेदार होती है।

शर्मा के चेहरे में ही बदलाव नहीं हो रहे थे, उनका स्वास्थ्य गिरने लगा था और उन्हें सिर में दर्द व पैरों में कमजोरी की भी शिकायत थी।

विशेषज्ञ इस स्थिति को ‘एक्रोमेगली’ कहते हैं। इसमें शरीर की चयापचय क्रिया में विकृति आ जाती है। इस स्थिति में शरीर के ऊतक बड़े होने लगते हैं। यह एक दुर्लभ बीमारी है जो प्रति 100,000 युवाओं में से केवल छह में पाई जाती है।

शर्मा का हाल ही में अपोलो अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था और अब वह नोएडा में अपने घर पर हैं।

त्यागी ने बताया, “ट्यूमर के ऐसे मामले बहुत कम होते हैं, जिनमें मरीज के चेहरे की या शरीर की आकृति में परिवर्तन हो। मरीज की तुरंत शल्य चिकित्सा की गई। उनकी नाक में चीरा लगाकर वहीं से ट्यूमर को निकाला गया।”

भारत में इस शल्य चिकित्सा पर करीब 200,000 रुपये का खर्च आता है।

यदि इस तरह के ट्यूमर का देर से पता चले तो चेहरे में आने वाली विकृति स्थायी हो जाती है।

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