हरिद्वार ।। विवादों में घिरी रहने वाली पॉप गायिका मेडोना और मशहूर हॉलिवुड स्टार जॉन ट्रैवोल्टा जैसी हस्तियां हरिद्वार में अपने गुरुओं के पास आध्यात्मिक शांति के लिए पहुंचती हैं। इन हस्तियों ने अपने आत्मसंतोष के लिए इस पवित्र नगरी में श्रमदान किया। मौका था पंडित श्रीराम आचार्य के जन्मशती समारोह के लिए हो रहे गायत्री महाकुंभ की तैयारियों का।

जिन गुरुओं ने हॉलिवुड के इन प्रतिनिधि कलाकारों का आध्यात्म से परिचय कराया, उन्होंने भी गायत्री मिशन के संस्थापक पंडित श्रीराम आचार्य के आदर्शो एवं विचारों को और सुदृढ़ करने के लिए उन तीस हजार स्वयंसेवकों के साथ कंधे से कंधा मिलाया जो हरिद्वार में गायत्री महाकुंभ की तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं।

मेडोना के आध्यात्मिक गुरु स्वामी सच्चिदानंद ने हरिद्वार स्थित गायत्री मिशन के मुख्यालय शांतिकुंज (हरिद्वार) की यात्रा की। स्वामी अगले साल अमेरिका में स्वयं एक महाकुंभ का आयोजन करवाने जा रहे हैं जिसमें खुद मेडोना भी शिरकत करेंगी।

जर्मनी में रहने वाले स्वामी सच्चिदानंद वैष्णव संप्रदाय के संत हैं। उन्होंने वैदिक आध्यात्मिकता और गायत्री मंत्र पर कई किताबें लिखी हैं। वह कीर्तन, मंत्र और ध्यान के बहुत बड़े साधक और प्रचारक हैं। उन्होंने भगवत गीता का जर्मन भाषा में अनुवाद किया है।

गायत्री परिवार द्वारा संचालित देव संस्कृति विश्वविद्यालय में योग, संस्कृति और आध्यात्मिकता पर हुए एक सेमिनार में स्वामी ने अध्यात्मिक ज्ञान की जरूरतों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अविद्या की वजह से जो आंतरिक अंधकार मन में पसरा हुआ है वह बाहरी अंधकार से ज्यादा खतरनाक है। अगर योग के बावजूद हमारे मन से यह अविद्या दूर नहीं होती है तो हमें यह मानना चाहिए कि हम वाकई पीड़ित व्यक्ति हैं। इस आंतरिक अंधकार को दूर करने के लिए उन्होंने ध्यान की आवश्यकता पर जोर दिया।

गायत्री महाकुंभ में श्रमदान करने वालों में मेडोना के गुरु अकेले नहीं हैं, बल्कि हॉलिवुड स्टार जॉन ट्रैवोल्टा की गुरु स्वामिनी काली भी इसमें शामिल हैं। ट्रैवोल्टा स्वामिनी काली से अध्यात्मिक और परालौकिक विषयों पर मार्गदर्शन लेते रहते हैं। जॉन ट्रैवोल्टा ‘फेस ऑफ’, ‘लैडर 49’ और ‘वाइल्ड हॉग्स’ जैसी प्रसिद्ध फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं और उन्हें ‘सेटरडे नाइट फीवर’ और ‘फिक्शन’ के लिए ऑस्कर के लिए नामांकित किया जा चुका है। इसके अलावा वह गोल्डेन ग्लोब आवार्ड भी जीत चुके हैं।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित एक सेमिनार में स्वामिनी काली ने कहा कि कई लोग उनसे आश्चर्यचकित भाव से पूछते हैं कि एक अमेरिकी होकर वह कैसे योग सिखाती हैं। उनका जवाब था कि भारत एक ऐसा देश है जो अवतारों की बात करता है और उन्हें अवतारों में अगाध विश्वास है। उनका मानना है कि शांतिकुंज में गायत्री देवी की त्रिमूर्ति का निवास है।

स्वामिनी ने कहा कि अगर सही तरीके से स्वाध्याय किया जाए तो प्राणायाम और मुद्रा मानसिक ऊर्जा के प्रवाह के लिए बहत फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय में हर व्यक्ति अपने आप में योग का एक जीता-जागता विज्ञापन है।

स्वामिनी काली 1000 हस्तमुद्राओं और त्रियोग की संस्थापिका भी हैं और उन्हें वर्ष 2010 में ग्रेट इंडियन एम्बेस्डर यानी भारतीय संस्कृति की महान राजदूत की उपाधि से नवाजा जा चुका है।

शांतिकुंज में मेडोना और जॉन ट्रेवोल्टा के गुरुओं की यात्रा तो महज कुछेक उदाहरण भर है। यहां इस तरह के कई संत और आध्यात्मिक गुरुओं का तांता लगा रहता है जो अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि आचार्य के विचारों से दुनिया के लोग किस हद तक प्रभावित हैं।

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