मुम्बई ।। जॉर्ज हैरिसन न केवल अपने समय के महत्वपूर्ण संगीतकार थे बल्कि वह ऐसे पहले संगीतकार थे जिन्होंने विविध प्रकार के संगीत खासकर भारतीय संगीत के साथ फ्यूजन कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की। वह ‘बीटल्स’ बैंड के मुख्य गायक थे।

निर्देशक मार्टिन स्कॉरसीज ने हैरिसन के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र फिल्म ‘लिविंग इन ए मटेरियल वर्ल्ड’ बनाई है। मुम्बई फिल्म महोत्सव में इस फिल्म का प्रदर्शन हुआ, जो हैरिसन को श्रद्धांजलि थी।

कुछ लोगों को यह फिल्म बहुत पसंद आई तो कुछ को कोई खास पसंद नहीं आई। दरअसल फिल्म में कुछ कमियां भी थीं। इनमें से एक कमी तो फिल्म की अवधि तीन घंटा होना थी, जो बहुत ज्यादा है। फिल्म में हैरिसन के शुरुआती दौर की भी कहानी है।

हैरिसन की पत्नी व फिल्म की निर्माता ओलिविया हैरिसन कहती हैं, “स्कॉरसीज पहले से ज्ञात बातों पर फिल्म बनाना नहीं चाहते थे। वह गहराई में जाना चाहते थे। वह पृथ्वी पर सबसे ख्यात हस्तियों में से एक थे लेकिन इसके बाद भी हैरिसन ने अर्थपूर्ण जीवन जीया। रोचक बात यह है कि इस फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि हैरिसन किन बातों में रुचि थी।”

इस फिल्म में 70 के दशक के कुछ दृश्य शामिल किए गए हैं। इनमें रवि शंकर, बिस्मिल्लाह खान, अल्लाहरखा, विश्व मोहन भट्ट जैसे भारतीय संगीतकार नजर आते हैं। इस फिल्म को देखने के बाद एहसास होता है कि फ्यूजन संगीत को बढ़ावा देने वालों में हैरिसन का मुख्य स्थान है।

ओलिविया कहती हैं कि हैरिसन पश्चिमी व भारतीय शास्त्रीय संगीत से प्रभावित थे। वह हमेशा रवि शंकर को विश्व संगीत का जनक कहते थे। उन्होंने भारतीय संगीत को पश्चिम में अचेतन रूप से परिचित कराने का एक तरीका खोज लिया था।

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