वाशिंगटन ।। वर्ष 2010 में अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या बढ़कर 32 लाख हो गई। 

पिछले दशक में पूरे एशियाई समूहों में सबसे ज्यादा संख्या दक्षिण एशियाई लोगों की थी। साथ ही एशियाई मूल के अमेरिकियों में भारतीयों की आय सबसे ज्यादा है।

वर्ष 2010 के जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010 में भारतीय मूल के अमेरिकियों की संख्या 31 लाख 83 हजार 63 थी जो एशियाई मूल के अमेरिकियों की कुल आबादी का 18 फीसदी है। वर्ष 2000 में एशियाई मूल के अमेरिकियों में भारतीय मूल के अमेरिकियों का प्रतिशत 16 था।

वर्ष 2007 से 2009 के बीच भारतीय मूल के अमरिकियों की आय एशियाई मूल के अमेरिकियों में सबसे ज्यादा थी। इनकी प्रति परिवार आय 86,660 डॉलर थी। इसके बाद ताइवानी मूल के अमेरिकियों की आय 77,596 डॉलर प्रति परिवार थी।

ताइवानी और भारतीय की प्रति व्यक्ति आय भी एशियाई अमेरिकियों में सबसे ज्यादा थी। ताइवानी की प्रति व्यक्ति आय 38,312 डॉलर थी तो भारतीय की प्रति व्यक्ति आय 36,533 डॉलर थी।

दशक के दौरान बांग्लादेशी मूल के अमेरिकियों संख्या में सबसे ज्यादा 157 फीसदी वृद्धि हुई। बांग्लादेश के बाद पाकिस्तानियों की संख्या में सबसे ज्यादा 100 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि श्रीलंकाइयों की संख्या में 85 फीसदी और भारतीयों की संख्या में 68 फीसदी की वृद्धि हुई है।

यह खुलासा ‘एक कम्युनिटी ऑफ कंट्रास्ट : एशियन अमेरीकन ने यूनाइटेड स्टेट्स, 2011’ अध्ययन में हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2008 में स्थाई रूप से रह रहे दो लाख भारतीयों ने अमेरिकी नागरिक बनने की योग्यता हासिल कर ली । 

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2010 तक अमेरिका में करीब 10 लाख एशियाई अवैध रूप से रह रहे थे। इनमें फिलीपिंस के करीब 280,000 जबकि भारत के करीब दो लाख नागरिक हैं।

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