वाशिंगटन ।। अमेरिका में भारतीय राजदूत निरूपमा राव ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा है कि ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के बंद होने से प्रभावित हुए सैकड़ों भारतीय विद्यार्थियों के मामलों की निष्पक्ष और उचित तरीके से समीक्षा की जानी चाहिए।

भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, राव ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि विश्वविद्यालय बंद होने के बाद ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के सामने समस्या पैदा हो गई है और उनके मामलों को समझदारी के साथ समग्रता में देखा जाना चाहिए।

ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की चिंताओं को दूर करने के लिए अमेरिकी प्रशासन के साथ दूतावास द्वारा किए जा रहे लगातार प्रयासों के हिस्से के रूप में राव ने यह आग्रह उस समय किया, जब उन्होंने सोमवार को घरेलू सुरक्षा विभाग की उपमंत्री जेन हॉल ल्यूट के साथ बात की और बाद में विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को एक पत्र लिखा।

दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राव ने यह पहल, भारतीय दूतावास के अधिकारियों और विदेश विभाग व घरेलू सुरक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा तथा इसकी जांच शाखा, आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन के अधिकारियों के बीच शुक्रवार को हुई एक बैठक के बाद की है।

दूतावास को शुक्रवार को सूचित किया गया कि अमेरिकी प्रशासन ने कैलीफोर्निया स्थित ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के 435 भारतीय विद्यार्थियों के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है। जहां 145 विद्यार्थियों के स्थानांतरण से इंकार कर दिया गया है, वहीं लगभग इतने ही विद्यार्थियों को इंकार के इरादे से सम्बंधित नोटिस जारी किए गए हैं। स्थानांतरण के बाकी मामलों की अभी जांच की जानी है।

एक संघीय ग्रैंड जूरी ने शिक्षण शुल्क के एवज में विद्यार्थियों को वीजा सम्बंधी दस्तावेजों को जारी कर 32 लाख डॉलर की राशि हासिल करने में की गई वीजा धोखाधड़ी और आर्थिक हेरा-फेरी के आरोपों में ट्राई-वैली युनिवर्सिटी के अध्यक्ष सुसान सियाओ-पिंग सू (41) को मई में आरोपित किया था।

ट्राई-वैली विश्वविद्यालय के कोई 85 प्रतिशत विद्यार्थी भारतीय थे, और उसमें से अधिकांश आंध्र प्रदेश से।

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