मुंबई, Hindi7.com ।। महंगाई को रोकने के प्रयास में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन लेकर घर, कार खरीदने वालों को जोरदार झटका देते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी की 0.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में भी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इस तरह से चालू वर्ष में रेपो और रिवर्स रेपो में बढ़ोतरी का कुल प्रतिशत क्रमश: 8 और 7 का हो गया है। वैसे बैंक ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे वह पहले के 6 प्रतिशत पर ही ठहरा है।
बाजार और व्यापार में सक्रिय लोगों को उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक सिर्फ 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करेगा, लेकिन ऐसा न करके रिजर्व बैंक ने सबको हैरत में डाल दिया है।
रेपो और रिवर्स रेपो रेट में पिछले 16 महीनों में कुल 11 बार बढ़ोतरी की गई है। मौजूदा बढ़ोतरी के साथ ही यह तय हो गया है कि बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो और रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़ेगा।
रिजर्व बैंक ने बैंकों और उद्योग जगत की आपत्ति को दरकिनार करते हुए प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी का एलान कर ही दिया। कल इस केन्द्रीय बैंक ने एक बयान में कहा था कि मौद्रिक नीति की घोषणा में उसका जोर मुद्रा के प्रसार पर अंकुश लगाना है, चाहे इससे विकास पर असर क्यों न पड़े। इस बयान के बाद ही कयास लगाए जाने लगे थे कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा।
रिजर्व बैंक का कहना है कि वह मुद्रा के प्रसार पर तब तक अंकुश लगाता रहेगा, जब तक इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिल जाते हैं कि मुद्रास्फीति यानी महंगाई की दर 4 से साढ़े चार प्रतिशत पर जा पहुंची है। महंगाई को रोकना रिजर्व बैंक का कर्तव्य है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि “वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के दौरान 4.6 प्रतिशत वित्त घाटे के लक्ष्य को हासिल करना बेहद मुश्किल लग रहा है।”