वाशिंगटन ।। अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स ने 662 अरब डॉलर के भारी-भरकम रक्षा विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके तहत जब तक रक्षा मंत्री कांग्रेस को पाकिस्तानी सरकार द्वारा देसी बमों (आईईडी) के खतरे से निपटने के तरीके के सम्बंध में रपट नहीं देते, तब तक उसको मिलने वाली 70 करोड़ डॉलर की मदद रुकी रहेगी।

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में बुधवार को 136 के मुकाबले 283 वोटों से इस विधेयक को मंजूरी मिल गई। गुरुवार को इसे सीनेट में मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद इसे राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।

वैसे व्यवहारिक रूप में पाकिस्तान को मदद रोकने के प्रावधानों का कोई बड़ा प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पिछले महीने हुए नाटो हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद तनावपूर्ण वातावरण में अमेरिकी सरकार को अपने एक प्रमुख सहयोगी को मदद रोकने की जल्दी नहीं है।

विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि जब मदद रोकने वाला प्रावधान कानून बन जाएगा तब ओबामा प्रशासन इसका पालन करने के रास्ते ढूंढ लेगा।

उन्होंने कहा, “यदि यह विधेयक कानून बनता है, तो हम पाकिस्तानी सरकार के साथ इस सम्बंध में चर्चा करेंगे कि कैसे आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है, लेकिन इसके लिए हमें सामरिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। साथ ही कांग्रेस को अपनी स्पष्ट रणनीति बतानी होगी।”

प्रशासन द्वारा वीटो की चेतावनी वापस लिए जाने के बाद चंद घंटों बाद रक्षा विधेयक पर सदन में मतदान हुआ। संदिग्ध आतंकवादियों से निपटने के सम्बंध में वीटो के इस्तेमाल की चेतावनी दी गई थी। निचले और ऊपरी सदन द्वारा इसमें व्हाइट हाउस की मर्जी के अनुसार परिवर्तन के लिए राजी हो जाने पर इस चेतावनी को वापस लिया गया।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने बुधवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि विधेयक की भाषा खतरनाक आतंकवादियों को पकड़ने के लिए खुफिया तंत्र के इस्तेमाल व अमेरिकी लोगों की सुरक्षा की राष्ट्रपति की क्षमता को चुनौती नहीं देती।

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