वाशिंगटन ।। हक्कानी नेटवर्क से निपटने को अपने आतंकवाद निरोधी एजेंडे की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए अमेरिका, इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है।

विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलेंड ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “हम लगातार यह मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और पाकिस्तान का पहला काम हक्कानी नेटवर्क से निपटना है।”

नूलेंड ने कहा, “हम अपने पाकिस्तानी साथियों को हर स्तर पर लगातार झकझोरते रहेंगे। मैं समझती हूं कि इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे बीच लगातार बहुत स्पष्ट एवं खुलकर बातचीत होती रहनी चाहिए।”

नूलेंड ने कहा कि पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी दूत मार्क ग्रॉसमैन बातचीत जारी रखने के लिए इस क्षेत्र के लिए प्रस्थान कर गए हैं। ताकि संवाद जारी रहे। हमें इस मुद्दे पर काम करने का कोई रास्ता निकालना है।

नूलेंड ने कहा कि ग्रॉसमैन काबुल और इस्लामाबाद दोनों जगह लोगों से अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अक्टूबर में होने वाली त्रिपक्षीय बातचीत के महत्व के बारे में बात करेंगे, भले ही अफगानिस्तान ने कहा है कि वह पाकिस्तान को इस बातचीत में शामिल नहीं करना चाहता।

व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव जे कार्ने ने कहा कि हक्कानी नेटवर्क के सदस्यों को प्रतिबंधित किया जा चुका है और इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने पर विचार किया जा रहा है।

कार्ने ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सम्बंध जटिल लेकिन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारे सहयोग ने अलकायदा के खिलाफ हमारे अभियान में मदद की है।

इस बीच ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ डेनियल मार्के ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ उन कदमों के बारे में पूरी तरह स्पष्ट बातचीत कर लेनी चाहिए, जिसे वह पाकिस्तानी विफलता के बाद हक्कानी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए उठाना चाहता है।

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